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Showing posts from 2023

PM Modi Inaugurated Ayodhya Dham Railway Staiton and Airport

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  Prime Minister Shri Narendra Modi was welcomed by various groups of artists from across the country as he arrived in Ayodhya on Saturday, December 30, 2023. He laid the foundation stone of 46 projects worth Rs 15,700 crore there. While on his way to the railway station, the Prime Minister held a road show where more than 1,400 performers presented folk art and cultural programs on a total of 40 stages set up along the route. He was greeted by a large number of people with flowers and slogans. He inaugurated the redeveloped Ayodhya Dham Railway Station, flagging off six Vande Bharat express trains : one, the Shri Mata Vaishno Devi Katra-New Delhi, second one, the Amritsar-Delhi, third one, the Coimbatore-Bangalore Cantt, fourth, the Mangalore-Madgaon, fifth, the Jalna-Mumbai and sixth the Ayodhya-Anand Vihar Terminal. He also flagged two new Amrit Bharat trains: the Darbhanga-Ayodhya-Anand Vihar Terminal and the Malda Town-Sir M Visvesvaraya Terminus (Bengaluru). At the railway st...

राजा राम सबके

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  ऊँच और नीच दोनों धर्मी व् विधर्मी के हैं, पशु और पक्षी के हैं, राजा राम सबके। रावण के राम तो विभीषण के राम हैं, रविदास राम के हैं, दास तुलसी उनके। राजाओं के राम हैं, भिखारियों के राम हैं, सदन कसाई के दीवानी मीराबाई के। स्त्री पुरुष के हैं, बच्चों के बुजुर्ग के हैं, बहनों के प्यारे राम भाई, बाप, माई के। -Poet Ramesh Tiwari

Pran-Pratishtha at Ram Temple Ayodhya

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Ram is not only our lord but our identity: the symbol of our culture, the representative of our nationality, the pride of Bharat Varsh. Divided, we not only suffered invasions but the considerable part of the nation got infected with disloyalty and, as a result, our Lord could not find his place of birth in his own kingdom. Now united, we restore our lost heritages. After a 500 years wait, the Ram Temple is going to be inaugurated in Ayodhya on January 22, 2024. 10-day Vedic rituals for the Pran-Pratishtha ceremony marked as Amrit Mahotsava will begin after Makar Sankranti on January 14 and will last until the main ceremony to be held on January 22, when a Vedic priest from Varanasi, Lakshmi Kant Dixit, will perform the main rituals of enthroning Ram Lalla at the sanctum-sanctorum of the temple between 11.30 am and 12:45 p.m. Prime Minister Shri Narendra Modi may carry the existing movable idol of Lord Ram from the makeshift temple to the garbhagriha of the newly constructed Ram Temple...

अखिल भारतीय साहित्य परिषद्

  राम विवाह के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के, नगर शाखा - बहराइच के तत्वावधान में नगर इकाई की मासिक काब्य गोष्ठी का आयोजन शिव कुमार सिंह रैकवार की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। श्री राधा कृष्ण पाठक द्वारा की गयी माँ भारती की वंदना के साथ यह कार्यक्रम अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की नगर इकाई के अध्यक्ष सुभाषित श्रीवास्तव 'अकिंचन के निवास पर संपन्न हुआ। वे जनपद के जाने-माने गजलकार हैं, उनकी गजलों ने समा बाँध दिया। जनपद के प्रसिद्द कवि भाइयों ने भी मनमोहक कवितायेँ पढ़ीं। परिषद् के प्रान्तीय उपाध्यक्ष श्री गुलाब चन्द्र जायसवाल ने देश-प्रेम की कविता पढ़ी : "बचपन से भारत माता हित बलिदान भाव जगाये थे, आज़ाद हिन्द सेना ने गोरों के छक्के छुडवाये थे। यदि वे होते तो देश प्रेम का जज्बा यहाँ न कम होता।" परिषद् के जिला महामंत्री, रमेश चन्द्र तिवारी ने अपनी लोकप्रिय पुस्तक अनुश्री की राष्ट्र-खंड की एक कविता पढ़ी : "सनातन के ह्रदय में ज्ञान का आधार है मंदिर, हमारी सभ्यता का मूल पालनहार है मंदिर । मनोहर रम्य मंदिर श्रोत है आनंद का मंदिर, हमारे प्राण प्यारे राम के अवतार का मंदिर !...

A brief story about the Silkyara Tunnel Rescue Operation

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4.5 km Silkyara tunnel is the part of the 890-km-long Char Dham project which aims to provide all weather connectivity to Yamunotri through two-lane paved roads. It will reduce travel distance between Uttarkashi and Yamunotri town by 26 km. On Sunday, 12 November 2023 the tunnel caved in due to a landslide nearby and 41 workers got trapped inside it. A big rescue operation had been launched by drilling through the 60 m blockage of rock and metal debris to create space for a pipe as a horizontal exit passage through which the workers could crawl out of the tunnel. An American auger drilling machine was airlifted by IAF aircraft on Wednesday night, 15 Nov. It started boring through the rubble and pushing a six-metre-long steel pipe of 900 mm diameter into the debris on Thursday afternoon. Later, another pipe was welded to it to push it further in. CM Pushkar Singh Dhami visited the Silkyara tunnel in Uttarkashi district on Thursday, 23 Nov and spoke to the 41 construction workers trapped...

Statue of Unity

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The most venerated Home Minister, Sardar Ballabh Bhai Patel, took over 565 independent states within India. When Shri Narendra Modi became the Prime Minister, he organised a Run for Unity as a tribute to 63rd Anniversary of his death on 15 December 2013 and had soil and iron collected from all parts of India so that the highest Statue of Unity could be erected at the River Narmada in Gujarat in memory of the Angel of territorial integrity. This poem was written on 31st October 2018 when the Prime Minister inaugurated the Statue in commemoration of 143rd anniversary of the birth of Sardar Ballabh Bhai Patel. We have for so long worshipped fake ones, Giving them all the credit for Independence. That they rubbed out the names of champions By still dressing up their British dependence As freedom struggle is their main claim to fame. Bismil, Bhagat, Shekhar, Savarkar, Subash Died for the country but got no good name. Had it not been for the wisdom of Sardar, There would be Kashmirs all ov...

निकली है वान्ट

राजनीति पर यह एक व्यंग्य रचना है जो 10 जून 1988 को लिखी गई थी तथा यह तरुण छत्तीसगढ़ में 16 जुलाई 1988 को प्रकाशित भी हो गयी थी । मेरा बेरोज़गार दोस्त भागते हुए आया हाँफ़ते-हाँफ़ते उसने बताया, यार, निकली है वान्ट ! अरे ! मैने कहा तू हो जा शांत । उसने कुर्सी खींची बैठकर बढ़ती साँस रोकी । फिर बोला, लीडरों के पद भारी मात्रा में हैं रिक्त और अपने लिए हैं बिल्कुल उपयुक्त । उमर में जिंदगी भर की छूट, चलो दो पद लावें लूट । इसमें चूके तो रहोगे भूंखे क्योंकि हम ओवर ऐज हो चुके । रही योग्यता की बात पढ़ता हूँ पेपर है साथ । शिक्षा में : चलेगा पहला अक्षर फेल बस चाहिए अनुभवों का तालमेल । अनुभव – न्यूनतम : किसी मान्यता प्राप्त जेल में बिताएँ हों दो वर्ष, अस्पताल में पौन वर्ष । अनिवार्यता : होना ज़रूरी है फोकटी कार्यकर्ता, मुख्य रूप से, जिससे इलाक़ा हो डरता । वरीयता : अगर है अभिनेता तो मिलेगी वरीयता । हो दुर्नाम या बदनाम बस नाम होने से काम । आवेदन विधी : है बिल्कुल सीधी नाटकीय आँसू बहाने का, परिमार्जित झूठ बोलने का, उत्तम डींग मारने का, दमदार गला फाड़ने का, इन सबका सही-सही कालम भर देना है और नीचे अंगूठा ...

सच्ची दीवाली

दीवाली त्योहार व्यापार, समृद्धि, प्रेम, उत्साह, आध्यात्म, शांति और सहयोग का प्रतीक है । 28 अगस्त 1988 को इस कविता की रचना इस उद्देश्य से की गई थी कि लोग जैसा राम राज्य में था उसी तरह एक दूसरे के सहयोगी बने । दीप खुशियों के ले लो जलाए चलो, हर गली छान मारो तिमिर ढूँढ लो, देख लो किस हृदय में है दुख की घनी, कालिमा रात्रि सी फैलती जा रही, शीघ्र उनसे वहाँ पर उजाला करो । आज ऐसी दीवाली मनाएँ चलो ! प्रेम के अनगिनत दीप लेकर चलो, है कहाँ पर अंधेरा तलाशो बढ़ो, देख लो कृष्ण का पक्ष उर में कहीं है घृणा रूप में क्या घिरा तो नहीं, शीघ्र उनसे वहाँ पर उजाला करो । आज ऐसी दीवाली मनाएँ चलो ! दीप करुणा दया के चलो ले चलो, काल की रात्रि का तुम पता फिर करो, देख लो क्रूरता है कहाँ पर बसी, कौन मानस में है वह निशा सी रुकी, शीघ्र उनसे वहाँ पर उजाला करो । आज ऐसी दीवाली मनाएँ चलो ! सद्विचारो के जलते दिए ले चलो, कोठरी कोठरी झाँक तम खोज लो, देख लो चित्त में यदि अमावस मिले, हों कपट स्वार्थ आदिक जहाँ पर छिपे, शीघ्र उनसे वहाँ पर उजाला करो । आज ऐसी दीवाली मनाएँ चलो ! भूंख की रात में राह भूले हुए नैश जीवन में हैं जो भी भट...

आपकी सुरक्षा एकमात्र आपका परिवार

  इस दुनिया में न न्याय है, न सद्भावना है साथ ही क्रूरता और अत्याचार की कोई सीमा भी नहीं है। यह भ्रम है कि कोई आपकी सुरक्षा करेगा। यदि कमजोर पड़े तो भेड़िये आप पर टूट पड़ेंगे फिर उन्हें रहम नहीं होगा कि किसे नोच रहे हैं। अतः आपकी सुरक्षा एकमात्र आपका परिवार है। वह जितना बड़ा होगा उतना ही अच्छा होगा किन्तु बड़े होने के साथ अपनेपन के भाव से संगठित होना और भी अनिवार्य है। सनातन एक परिवार है जिसकी मजबूती हर एक सदस्य के ह्रदय में अटल आस्था पर निर्भर है। लोगों के मन मस्तिष्क में आस्था का निर्माण पूजा, भजन, प्रवचन, कथा के माध्यम से साधू, संत, व्यास आदि करते है उनके विरुद्ध घृणा के भाव पैदा करने वाले आपके परिवार के हितैषी नहीं हैं।  

Padma award selection process transformed

Intellectuals and gentlemen are not happy with PM Modi because they expect that the government must treat them as very important people, whereas the PM believes that general public is selfless and the country grows when they work. A few years ago poets, writers and authors did not value the importance of Padma Awards. They started returning them in protest as though the government could not go without them. The Modi government paid no attention to them and preferred to offer the civilian honours to lower class, illiterate artists, performers or craftsmen instead of them. In selection process, it began to place emphasis not on the name of a nominee but on the importance of work. Now the common people are honoured without recommendations. Above all else, the Prime Minister regards the people working selflessly with great respect and expects society to recognize them in other ways as well.

बृहदेश्वर मंदिर

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राजराज चोल प्रथम द्वारा तमिलनाडु के तंजौर में स्थित बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण 1003-1010 ई के मध्य कराया गया था। इस मंदिर इमारत में नीव नहीं है तथा इसका निर्माण किसी भी प्रकार के चिपकाने वाले पदार्थ के बजाय ग्रेनाइट पत्थरों को एक दूसरे से फंसाकर किया गया था। इसमें 130,000 टन ग्रेनाइट प्रयुक्त हुआ था जिसे 60 किमी की दूरी से लाने में 3000 हाथियों को लगाया गया था। 13 मंजिला मंदिर के गुम्बद की उचाई 216 फ़ीट है जिसकी परछाई पृथ्वी पर नहीं पड़ती। गुम्बद शिखर पर जिस एक मात्र पाषाण खंड पर स्वर्णकलश स्थित है उसका भार लगभग 88 टन है। मंदिर में स्थापित शिवलिंग अत्यंत विशाल व् भव्य है। अतः उन्हें वृहदेश्वर नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में नन्दी जी की प्रतिमा 6 मीटर लंबी, 2.6 मीटर चौड़ी तथा 3.7 मीटर ऊंची है जो कि एक ही पत्थर से निर्मित दूसरी सर्वाधिक विशाल प्रतिमा है। अपने समय में मंदिर का गुम्बद दुनिया का सबसे ऊंचा गुम्बद था और मंदिर का विश्व के विशालतम स्मारकों में प्रमुख स्थान था। 1000 वर्षों से अधिक आयु वाले इस स्मारक ने 6 बड़े भूकंप झेले हैं। पिसा की मीनार और बिग बेन इससे कम आयु की हैं फिर भी वे ...

Ganesh Chaturthi

A ten-day festival is held, commemorating the birth of the god of prosperity and wisdom, Ganesha. It begins on the fourth day of the bright fortnight of Bhadrapada (generally in mid-August or September). The Ganesha idols are installed in pandals, homes and temples; festivities include singing or playing religious songs, dancing to drum beats and lighting up fireworks; and celebrations go through four main rituals: Pranapratishhtha, Shhodashopachara, Uttarpuja, and Ganpati Visarjan. Lord Ganesh is the god of money and prosperity. Those who worship him never suffer a setback and live a happy life. May Lord Ganesh shower us with health, wealth and happiness! Happy Ganesh Chaturthi, everyone!

जन पालक, उत्तम संचालक सक्षम सपूत मोदी महान

जब-जब सनातन पर संकट आता है तब-तब कोई महापुरुष पैदा होता है और उसे उबार लेता है। 508 ईसा पूर्व आदि गुरु शंकराचार्य ने तथा मुग़ल काल में महाराज तुलसीदास ने सनातन की बुझती लौ को पुनः प्रकाशित किया था। आज एक बार फिर धर्मनिरपेक्षता के वेश में अधर्म व्यापक रूप में फ़ैल चुका है। प्रधानमंत्री मोदी जी का जन्म हो न हो इसे समाप्त करने के लिए ही हुआ है। समर्थ, कीर्तिवान एवं व्यापक लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। ईश्वर आपको दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य सहित पूर्वनिर्धारित विशाल लक्ष्य प्राप्त करने में सफलता प्रदान करे !  पैदा बहुत हुए भारत में वीर, प्रतापी, महाबली, मिटटी से पौधे उगे बहुत त्यागी, बलिदानी, घोर तपी । सब विधि सक्षम पूत एक जब भारत भू पर जन्म लिया, दस बारह पीढ़ी बीत गयी तब जाकर अपना जला दिया । भारत हुआ अखण्ड खण्ड हर दुश्मन का अभिमान हुआ, तीन लोक के राजा के मंदिर का तब निर्माण हुआ । व्यापर बढ़ा, निर्यात बढ़ा, निर्माण बढ़ा, सम्मान बढ़ा, भारत पड़ोसियों के सम्मुख अटल महा चट्टान बना । उत्तर हिम से मृदुल एक देश-प्रेम सरिता निकली, दक्षिण तक बहते-बहते वह हि...

Happy Birthday to the most Celebrated Prime Minister

  I wrote this nice little poem as a birthday present for Prime Minister Narendra Modi on Tuesday, 16 September 2014, the day before his birthday. The mother is happy to give birth to a wonderful son Because her baby boy later engaged the attention of his second mother, Who watched him carefully and started nourishing His talents and his power to invent. The child never ever disappoints her, So she too is happy to give birth to him. This rare boy developed the sea of love in his heart To share with the children of every mother in the country. While others court popularity by presenting themselves As the messiah of a particular community And shrink, as they hold office, from their responsibilities, Laying their loyalties with their family and the people of their own caste, This generous, selfless and well-liked son wins the hearts of the nation, Though he favours his family, too – but his family is the whole country – Though he discriminates against the other community, too – But th...

Anushree - Kavitaen

जो लोग यह सोचते हैं कि सनातन डेंगू है, मलेरिया है, मच्छर है, कोरोना है अतः वे इसे समाप्त कर देंगे, उन्हें चाहिए कि वे अनुश्री की इस कविता को पढ़ें। हम पीपल हैं, हम चंदन हैं, हममे ईश्वर की भक्ती, हिंसक को हमने हिरन बनाया, शान्ति हमारी शक्ती । हम स्वर्ण धातु हैं, दैविक हैं हम, आदि सभ्यता की पहिचान, परत-परत इतिहास पलट लो, सब बदले हम अब भी मानवता के प्राण । दुनियाँ को धमकाने वाले चले गये, हमें बदलने वाले खुद अपने परिचय में उलझ गये, कोहरे छाये, बादल बिजली कड़की, घनी अंधेरी रातें आईं, ओले वर्षे, कठिन कुटिल चिंगारी भड़की, किन्तु सूर्य पूरब में फिर से उसी तरह से उग आया है । आज तिरंगा मुस्काया है ! शताब्दियों पश्चात भारती गरज उठी है, अम्बर की दीवारें सारी काँप उठी हैं, महाद्वीप की महाशक्ति हम फिर से होंगे, अहंकार का काल निकट आया है । आज तिरंगा मुस्काया है ! From #AnushreeKavitaen Poet Ramesh Tiwari

Bharat, India and Hindustan

The River Sindhu was called Hindu by Persians because they pronounce S as H. Persians named the people living on the sides of the river as Hindus. Slowly this Persian word 'Hindu' migrated to Arabia by the 13th century and thereafter to Europe through Greece. Europeans dropped both S and H and called the river 'Indu' or later on 'Indus'. Then they added their own style of suffix –ian to Indu and formed Indian. Hindustan or India emerged as the alternative names of Bharat. Thus Hindu, Hindustan, Hinduism or Indian and India became the popular word across the world. ‘Sindhu Ghati ki Sabhyata’ was translated as ‘The Indus Valley Civilisation’ in the early 1900s, when it was discovered by a British archaeologist named John Marshall. Since the term ‘India’ had become popular, Christopher Columbus set about on a journey to discover this famed land in 1492, but his ship docked in North America. He unknowingly called the island Indies and the people who lived there Red ...

G20 Summit 2023 New Delhi

India is the President country of the G20 Summit 2023 New Delhi, which is the 18th meeting of the G20 Group held in Bharat Mandapam International Exhibition-Convention Centre at Pragati Maidan on 9th and 10th September 2023, with the theme Vasudhaiva Kutumbakam. Heads of Argentina, Australia, Brazil, Canada, China, France, Germany, India, Indonesia, Italy, Japan, Mexico, South Korea, Russia, Saudi Arabia, South Africa, Turkey, United Kingdom, United States and European Union will discuss the various issues related to the Finance, Economy, Environment, Cryptocurrencies and others. The Honourable Prime Minister Shri Narendra Modi greeted all the participating dignitaries against the backdrop of a mural of Konark Sun temple wheel in Odisha. Then at the beginning of the meeting, all of the members accepted PM Modi’s proposal of granting African Union a permanent membership. The Group will now be known as G21. G20 passed Delhi declaration unanimously with a 100 percent consensus, overcoming...

The Bharateeya

The people who lived in North, South, or Central America are called Indians. When Europeans arrived there, they started using these uncivilized people as slaves. They used to scorn them, depersonalize them and treat them unkindly. Similarly, the British had no respect for the Bharateeya; they treated us not as humans but as if our individual feelings and thoughts were not important. It was because of this that they started calling us Indians. To be associated with the term ‘India’ is to be constantly reminded of the slavery under British colonial rule. The second of the five pledges that PM Modi has asked the countrymen to make is to erase all traces of servitude until the end of the Amritkaal. Now we have built our own parliament building on which the lions are no more naive and submissive.

Happy Teachers’ Day!

September fifth is the Anniversary of the birth of the second president DR Sarvepalli Radhakrishnan. India celebrates his birthday as Teachers' Day, commemorating the importance of teachers in our lives. Dr Radhakrishnan was born on September 5, 1888. He was a scholar, philosopher, educationist and a Bharat Ratna. He served as the Vice-Chancellor of Andhra University from 1931 to 1936 and the Vice-Chancellor of Banaras Hindu University in 1939. He had been a teacher at Chennai’s Presidency College and Calcutta University. Bridges and buildings build engineers, Architect makes their work yet easier, Doctors treat the injured and the ill, Soldiers shoot enemy troops to kill, Poets sing to make us laugh and cry, Scientists raise our standards high, But teachers do all of these things: Reach new heights they give us wings. -Poet Ramesh Tiwari Happy Teachers’ Day ~~~~

वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर ABC NEWS पर मेरे विचार सुनें।

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A special session of Parliament from September 18 to 22 was called on 31 August 2023 and it is expected that the Centre might introduce bills on 'One Nation, One Election', Uniform Civil Code and Women's Reservation in the special session. Next day, the Government announced the setting up of a high-level committee under former President Ram Nath Kovind to explore the feasibility of synchronizing elections for Parliamentary general elections with Assembly, Municipal and Panchyat Elections. ‘One country, one election’ is not a new thing. After Independence, National and State elections were held simultaneously in 1957, 1962 and 1967. Some legislative assemblies were dissolved prematurely in 1968 and 1969 and in 1970 the Parliament too was dissolved. Anyway, the continuity of the synchronized elections completely broke by 1972 when no Assembly election coincided with Parliamentary elections. The Election Commission of India had put forward a proposal of simultaneous election ...

Aditya –L1

India has launched Aditya –L1 from the launch pad at Sriharikota under its first Solar Mission to study the Sun today at 11.50. It will travel four months, covering one percent of the distance between the Earth and the Sun i. e. 1.5 million km, to reach Lagrange point 1, where the gravitational forces of the Sun and the Earth cancel each other out. The spacecraft will travel several times around the Earth before heading towards L1, at which it will orbit the Sun at the same rate as the Earth and it will require very little fuel. Moreover, L1is a place from where Aditya will be able to watch and carry out scientific studies constantly without being interrupted by eclipses. The mission is expected to cost approximately 3.78 billion rupees. The orbiter carries seven scientific instruments that will observe and study the outermost layer of the Sun, the Sun's surface and the thin layer of plasma that lies between the Layer and the surface. The studies will help scientists understand sol...

Rakshabandhan

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Rakshabandhan is celebrated on the last day of the month of Shravan which mainly falls in August. On this day, sisters tie an amulet called rakhi around the wrists of their brothers as a symbol of the bond of protection and obligation. Sanatan culture defines every relationship as a divine bond between members of a family, which ultimately generates a sense of having natural obligations to each other and makes the family live comfortably. Father loves his son and daughter and brings them up, so does a mother; but the relationship between a brother and his sister is such that involves deep feelings and self-sacrificing attributes. A sister cares for her brother and a brother can do anything to protect his sister. ~~~~ Her brother be fabulously wealthy Enjoy happy life and be healthy Every sister prays day and night. Love and care pour from her voice; Proud of his success she is always, Cools him in her delicate shade. Every brother loves his sister And wishes for her to be a queen. He i...

तुलसी जयन्ती

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राम चरित मानस एक अदभुद महाकाव्य है क्योंकि उसमें मानव जीवन से सम्बंधित सभी प्रश्नो के उत्तर हैं तथा कोई ऐसा भारतीय ग्रंथ नहीं है जिसका सार उसमें निहित नहीं है । ऐसे ग्रंथ के रचनाकार महाराज तुलसी दास जी की आज जयन्ती है। इस शुभ अवसर पर मैं अनुश्री की एक कविता के कुछ अंश के माध्यम से उनके जीवन के विषय में कुछ महत्वपूर्ण बातें यहाँ प्रस्तुत करता हूँ । पराधीन जनता भारत की त्रसित कई सदियों से थी, धैर्य स्वयं ने धीरज खोया, धर्म की अन्तः नीव हिली । लगा देश की जीवन पद्धिति सदा-सदा मिट जाएगी, भारत की पहिचान नहीं इस दुनिया में बच पाएंगी । धैर्य बँधाए ऐसे में था ऐसा कोई व्यक्ति नहीं, बुझते दीपक पुनः जलाने की थी कोई युक्ति नहीं । सनातनो की देख दुर्दशा भगवत का जी द्रवित हुआ, उनकी न्यायपालिका में उस पर विचार भी त्वरित हुआ । राजापुर बांदा में रहता दुबे एक दंपत्ति सुखी, पंद्रह सौ चौवन संबत था श्रावण शुक्ल सत्तमी थी । बारह माह गर्भ का बच्चा माता हुलसी ने जन्मा, अभुक्त मूल में पैदा शिशु ने राम कहा भूला रोना । विधुर बाप ने त्यागा उसको अति अनिष्ट की शंका से, हुआ वही संयोग बना जो ईश्वर की अनुकंपा से । गृहका...

तुलसी जयंती एवं सम्मान समारोह

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अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, बहराइच आज दोपहर 2 बजे से सेनानी भवन, माल कचेहरी, बहराइच में तुलसी जयंती के शुभ अवसर पर काव्य गोष्ठी आयोजित करेगा तथा साहित्य क्षेत्र के उत्कृष्ट विभूतियों को 'अवध गौरव - 2023' से सम्मानित करेगा। सम्मानित होने वाले हमारे आदरणीय साहित्य साधकों में सर्वश्री 1. राधेश्याम पाण्डेय 2. राधकृष्ण शुक्ल 'पथिक' 3. अवधनरेश सिंह 'अवधेश' 4. राम करण मिश्र सैलानी 5. रामसँवारे द्धिवेदी 'चातक' 6. अयोध्या प्रसाद शर्मा नवीन 7. राम धीरज शर्मा जी हैं। इस समारोह में आप सभी कवि, लेखक, सहित्यकार, साहित्यप्रेमी भाई-बहन सादर आमंत्रित हैं।   Akhil Bharatiya Sahitya Parishad, Bahraich holds a poetry reading and an honouring ceremony today at 2.00 PM, Senani Bhawan, Collectorate Bahraich, commemorating the anniversary of the birth of our greatest poet Saint Tulasidas. The Parishad will honour seven outstanding Awadhee/Hindi poets of Awdha region with Awadh Gaurava – 2023, recognizing Sarvashri Radhey Shyam Pandey, Radhakrishna Shukla ‘Pathik’ Awadh Naresh S...

अनुश्री-कविताएं : गुलाम और मालिक

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  प्यार पाकर भी अपनों से नफ़रत लात खाकर भी मालिक से उल्फ़त। गुलाम इसीलिए गुलाम होता है, स्वाभिमानी मालिक महान होता है। देखिये अनुश्री इसे कैसे सिद्ध करती है : दरवाजे पर कातर आँखों से निहारता, एक टूक रोटी को टुकुर-टुकुर ताकता, धूल में उलट जाता, दुम हिलाता, वफादारी की पूं पूं फिर पैर चाटता । अपने भाई को नोच डालता, प्राण निछावर कर देता – किसके खातिर ? – बस एक टूक रोटी ! रात जागता थोड़ा सोता मेरा प्यारा मोती । थर्राता सारा जंगल जब दहाड़ता । दिल की दीवालें हिलतीं हैं,                          खुद भोजन सम्मुख गिर जातें हैं, साहस, दुस्साहस की जड़ें उखाड़ता । पालता पोषता प्यार से परिवार को, न सिर् झुकाता है, न मुफ्त माँगता है, स्वाभिमान सीने में भरकर बेफिक्र जीता है, सोता है, खाता पीता है । सब जानता है पर हाथ फैलाना नहीं, जंगल का सम्राट जिसे कौन जानता नहीं ।

77 वां स्वतंत्रता दिवस

  स्वामी परमानंद शिक्षा निकेतन, खम्हरिया शुक्ल – बहराइच "स्वामी परमानंद शिक्षा निकेतन, खम्हरिया शुक्ल" में 77वां स्वतंत्रता दिवस बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया। बड़ी संख्या में बच्चों एवं उनके अभिभावकों ने इस महोत्सव में भाग लिया, प्रभात फेरी निकाली गई। स्कूल प्रबंध समिति के सर्वशी शीतल प्रसाद अग्रवाल, मस्त राम, कृष्ण मोहन अग्रवाल, रमेश चन्द्र तिवारी, विजय यादव, सनत कुमार शुक्ल सहित विद्यालय के अध्यापकों और छात्रों की उपस्थिति में अध्यक्ष श्री मोहन लाल गोयल ने झंडा रोहण किया। श्री हरिनाथ प्रसाद मिश्र (प्रधानाचार्य), श्री अनिल कुमार बाजपेयी (सहायक प्रधानाचार्य), तथा अध्यापक गण सर्वश्री राकेश कुमार श्रीवास्तव, पंकज कुमार शुक्ल, श्रीमती मीना श्रीवास्तव के नियंत्रण में दो बच्चों ने राष्ट्र गान कराया। ‘भारत माता की जय’, ‘बन्दे मातरम’ तथा ‘परम पूज्य गुरुदेव की जय’ उद्घोष से वातावरण में राष्ट्र-प्रेम की लहर फ़ैल गयी। इसके पश्चात् सभी ने परमपूज्य गुरुदेव की आरती की। छोटे-छोटे बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम, कविता पाठ, भाषण आदि प्रस्तुत किये। समिति की और से सभी बच्चों को स्कूल बैग एवं स...

हर घर झंडा, हर घर तिरंगा 2023

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  माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आवाहन पर 15 अगस्त 2022 के 75 सप्ताहों पूर्व से सम्पूर्ण देश में देशवासी आजादी के 75वीं वर्षगाँठ को अमृत महोसव के रूप में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से मना रहे थे । इसी बीच 31 जुलाई 2022 को उन्होंने जनता से अपने-अपने घरों पर 13 अगस्त से 15 अगस्त तक तिरंगा फहराने की अपील की थी। आसमान से देश इंद्र धनुषी रंग में रंग गया था और लोगों में राष्ट्रीय भावना का अदभुद संचार हुआ था। उनके आवाहन पर इस वर्ष भी आज देश ने 'हर घर झंडा, हर घर तिरंगा' मनाया। इस महोत्सव के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के तत्वावधान में रमेश चन्द्र तिवारी के निवास पर राष्ट्रवादी कवि सम्मलेन का आयोजन हुआ जिसमें जनपद के प्रसिद्द कवि भाइयों ने ओजस्वी कवितायेँ पढ़ीं। सभाध्यक्ष श्री राधा कृष्ण पाठक ने भारत माता की आरती तथा माँ भारती की वंदना के साथ कार्यक्रम प्रारम्भ किया। “शुभ्र स्वच्छ आवरण, मोह का करो हरण, ब्रह्मा की सुता हो, ज्ञान गंगा में नहाती हो। हंस पे सवार कर स्फटिक हार, मातु तार झंकार वीणा वादिनी कहाती हो ।“अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के उपाध्यक्...

International Exhibition-cum-Convention Centre

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  Prime Minister Narendra Modi inaugurated the International Exhibition-cum-Convention Centre complex and unveiled its new name --Bharat Mandapam at Pragati Maidan, New Delhi on Wednesday, 26 July 2023. The inaugural ceremony was attended by around 3,000 guests including Union Ministers Piyush Goyal, Rajnath Singh, Dr Jitendra Singh, actor Aamir Khan. The Prime Minister made offerings to gods i.e. Havan and attended Puja ceremony prior to the inauguration. He also interacted with the workers who were involved in the construction of the complex and then felicitated them. The revamped IECC complex was developed as a national project at a cost of about Rs 2,700 crore and has a campus area of approximately 123 acres. Bharat Mandapam has been developed as India's largest MICE (Meetings, Incentives, Conferences, and Exhibitions) destination. The complex ranks among the world's leading exhibition and convention complexes in terms of its extensive covered space for hosting events. Its ...

Chandrayan-3

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  The Indian Space Research Organisation (ISRO) embarked on the third Lunar Mission after the second mission had failed in 2019 owing to the crash of lander named Vikram on to the moon surface. Today it launched Chandrayan-3 from the Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota, Andhra Pradesh. The LVM-3, the heavy rocket, carried the 3.8-tonne spacecraft, which is now on the way to the moon and is expected to complete its journey on August 23. Chandrayaan-3 is equipped with a lander, a rover and a propulsion module. Congratulations to our ISRO on completing the first step successfully towards a safe landing on the surface of the moon.

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् - बहराइच

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  अखिल भारतीय साहित्य परिषद् सम्पूर्ण देश में साहित्यिक कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय परंपरा एवं जीवन पद्यति की वर्ष भर नई पीढ़ी को शिक्षा देता रहता तथा इस प्रकार उसे सुसंकृत करता रहता है। इसी क्रम में राम जानकी मंदिर, हमजापुर में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् - बहराइच के तत्वावधान में व्यास पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा मनाई गई। उपस्थित भक्तों ने महर्षि वेदव्यास तथा अपने गुरु देवों की पूजा आरती की। साहित्य परिषद् की ओर से इस अवसर पर एक सरस काव्य गोष्ठी भी की गई जिसका आयोजन परिषद् के प्रांतीय उपाध्यक्ष गुलाब चन्द्र जायसवाल तथा जिलामहामंत्री रमेश चन्द्र तिवारी द्वारा के द्वारा किया गया। गोष्ठी परिषद् के जिलाध्यक्ष श्री शिव कुमार सिंह रैकवार जी की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें डा दिनेश त्रिपाठी शम्स मुख्य अतिथि थे। कवियों ने महर्षि वेदव्यास को समर्पित तथा गुरु महात्म्य पर आधारित गीत गाये। राष्ट्रीयता विषय के प्रसिद्द रचनाकार गुलाब चन्द्र जायसवाल ने महर्षि वेदव्यास का परिचय देते हुए पंक्तियाँ प्रस्तुत की "है वेद रचा और ब्रह्म सूत्र गीता जैसा अदभुद सुग्रंथ, पग-पग पर दर्शाया करते महाभारत ह...

Yogah Karmasu Kaushalam

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  When we are ill or in distress, the parts of our body and feelings are shattered. Here yoga creates wholeness and harmony in mind, body and spirit, thereby keeping us intact, energetic and lively. Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 50: “Yogah Karmasu Kaushalam” – Yoga increases our ability and dexterity at work. It also connects us with divine providence and then helps us being one with Brahman. On 9th International Yoga Day today, mass demonstration of Yoga has been organized at different places across the country. PM Modi will lead the celebrations of the International Day of Yoga at the United Nations Headquarters today at 5.00 pm. People from more than 180 countries will join him in the celebration that is based on the theme “Basudhaiv Kutumbakam” (the whole world is a family) and it will be his first celebration of Yoga Day in a foreign country.

Balasore Train Accident

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I am deeply saddened by the most unfortunate incident at Balasore and express my heartfelt condolences to the families of the people who died in the Odisha train accident! May God give them strength so they could bear up the difficult situation and may the departed rest in peace!

The Parties Boycotting the Inauguration of the New Parliament

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The first Prime Minister made fun of the holy sengol because Indian tradition was a meaningless thing to him. It remained mislabelled as ‘the golden walking stick gifted to Nehru’ for years at the Allahabad Museum. PM Modi honoured the seers of Adeenam Mutt at his residence, placed great emphasis on the importance of the sacred Sengol and finally installed it in the Lok Sabha chamber, right next to the Speaker's chair, in the new Parliament building after havan puja ceremony. Furthermore, the parties that boycotted the ceremony to unveil the new Parliament do not want India to restore its pride and glory but rather want to cherish the memory of the slavery with a view to appease those who had lost their names, their faith, their identity and their self-esteem during the long period of subjection. On the contrary, PM Shri Narendra Modi erased one more mark of foreign rule and made another move towards making the freedom fighters’ dreams come true by inaugurating the new parliament b...

The Inauguration of the New Parliament Building

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  21 seers of Dharmapuram Adheenam from Chennai had handed over Sengol to Prime Minister at his residence on Saturday evening (27 May) before it was carried by PM Shri Narendra Modi to new Parliament building in a procession with the chants of ‘nadaswaram’ the next morning on Sunday (May 28). He prostrated himself before the Sengol and with Lok Sabha Speaker, Om Birla, performed a havan, puja as a ceremony to inaugurate the new Parliament building. High priests of Adheenams offered flowers to the historic sceptre and gave it to the Prime Minister, who installed it near the Lok Sabha Speaker’s chair in the new Parliament building. The Prime Minister sought blessings from them, after that unveiled the plaque to mark the inauguration of the much-awaited new Parliament building. He also felicitated the workers who contributed to the construction of the new Parliament House. Finally, PM Modi, Speaker Om Birla and Cabinet ministers attended a 'Sarv-dharma' prayer ceremony being held ...