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Showing posts from December 17, 2023

Pran-Pratishtha at Ram Temple Ayodhya

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Ram is not only our lord but our identity: the symbol of our culture, the representative of our nationality, the pride of Bharat Varsh. Divided, we not only suffered invasions but the considerable part of the nation got infected with disloyalty and, as a result, our Lord could not find his place of birth in his own kingdom. Now united, we restore our lost heritages. After a 500 years wait, the Ram Temple is going to be inaugurated in Ayodhya on January 22, 2024. 10-day Vedic rituals for the Pran-Pratishtha ceremony marked as Amrit Mahotsava will begin after Makar Sankranti on January 14 and will last until the main ceremony to be held on January 22, when a Vedic priest from Varanasi, Lakshmi Kant Dixit, will perform the main rituals of enthroning Ram Lalla at the sanctum-sanctorum of the temple between 11.30 am and 12:45 p.m. Prime Minister Shri Narendra Modi may carry the existing movable idol of Lord Ram from the makeshift temple to the garbhagriha of the newly constructed Ram Temple...

अखिल भारतीय साहित्य परिषद्

  राम विवाह के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के, नगर शाखा - बहराइच के तत्वावधान में नगर इकाई की मासिक काब्य गोष्ठी का आयोजन शिव कुमार सिंह रैकवार की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। श्री राधा कृष्ण पाठक द्वारा की गयी माँ भारती की वंदना के साथ यह कार्यक्रम अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की नगर इकाई के अध्यक्ष सुभाषित श्रीवास्तव 'अकिंचन के निवास पर संपन्न हुआ। वे जनपद के जाने-माने गजलकार हैं, उनकी गजलों ने समा बाँध दिया। जनपद के प्रसिद्द कवि भाइयों ने भी मनमोहक कवितायेँ पढ़ीं। परिषद् के प्रान्तीय उपाध्यक्ष श्री गुलाब चन्द्र जायसवाल ने देश-प्रेम की कविता पढ़ी : "बचपन से भारत माता हित बलिदान भाव जगाये थे, आज़ाद हिन्द सेना ने गोरों के छक्के छुडवाये थे। यदि वे होते तो देश प्रेम का जज्बा यहाँ न कम होता।" परिषद् के जिला महामंत्री, रमेश चन्द्र तिवारी ने अपनी लोकप्रिय पुस्तक अनुश्री की राष्ट्र-खंड की एक कविता पढ़ी : "सनातन के ह्रदय में ज्ञान का आधार है मंदिर, हमारी सभ्यता का मूल पालनहार है मंदिर । मनोहर रम्य मंदिर श्रोत है आनंद का मंदिर, हमारे प्राण प्यारे राम के अवतार का मंदिर !...