गलती का दुष्परिणाम
आज मन में आया कि कुछ अवधी में लिखें तो आल्ह छंद लिखा जिसमें आजादी के समय एक गलती के दुष्परिणाम , कोरोना के प्रभाव , प्रधान मंत्री मोदी के सुधार प्रयास सहित चीन को सबक का वर्णन है । भरी निकौनिक बिच्चेम बप्पा टंगड़ी दिहिन रहय अंडियाय । अब ख्यातन मा घास जामिगा फसल कहाँ लहकै लहराय ।। नाम कमाइक चसका लगि गा देश जाति फिर कहाँ देखाय । अब उई होरहा मूँड़ेप भूजएँ खींचें टांग ज़ोर धमकाय ।। देश बैठ गा बूढ भैंस अस मोदी भन्डा रहे लगाय । तब तक भैंसिक जूड़ी पकरिस उकै और पसरिगै टाँग ।। जुटे डाक्टर दिहिन दवाई तब वा ज़ोर लगाइस बांग । धीरे धीरे ग्वाड़ सोझ भा झटकेम खड़ी भई अर्राय । मोदी मोदी कहय लागि तब दुश्मन लागि सबय थर्राय ।। बहुत साल से वहिके मूँड़ेप कौवा टोन्ट मारि कै भाग । अब पंडरू धइकै हुरपेटिस हालय पाँव कवैयक लाग ।।