दुनिया हमको ठग लेती है
आया नया वर्ष , दीवाली , होली आई , अति उमंग में कली कली मुस्काई , झूठे सपनों में भ्रमित हुई तरुणाई । कुछ अच्छा होगा अच्छे दिन आएँगे , मन की बगिया में दीवाने गायेंगे , खुशियों के भौरे गुनगुन शोर मचाएंगे । रवि किरणें कोहरे में उलझी , खिले पुष्प की साँसें अटकीं , आत्मदया में शिथिल हो गया , धरती पर वह पुष्प सो गया । न कुछ देती है , न कुछ लेती है , ये दुनिया हमको ठग लेती है । - - Ramesh Tiwari