अयोध्या में राम मंदिर
विदेशी यहाँ आए और यहाँ के लोगों पर अपना धर्म थोप गये यह भारतीयता की कायरता थी | यहाँ के धर्म स्थलों को अपने धार्मिक इमारतों में बदल गये यह भारतीयता की कायरता थी | यहाँ के लोगों को गुलाम बनाया और जाते जाते उन्हीं में से बहुतों को उनकी माला जपने की मानसिकता दे गये यह भारतीयता की कायरता थी | आज भारत में, वह भी अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए सरकार लाचार है - इससे बड़ी कायरता संसार में कहीं नहीं है | प्रधान मंत्री इंदिरा जी एक देश भक्त सनातन महिला थीं | वे देवरहा बाबा की शिष्या भी थी | एक बार वे बाबा से मिलने प्रयाग गयी हुई थी | वहाँ पहले से भक्तों की एक विशाल भीड़ थी | इंदिरा जी जब देवरहा बाबा का आशीर्वाद लेने पहुची तब उस भीड़ ने संत से आग्रह किया कि वे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए इंदिरा जी से कह दें | जब पूज्य श्री गुरुदेव ने प्रधान मंत्री जी से कहा कि ये भक्त राम मंदिर चाहते हैं तब उन्होने उत्तर दिया कि ये सभी पूरे हृदय से नहीं चाहते - जिस दिन ये लोग पूरे मनोयोग से माँग करेंगे उसी दिन मंदिर बन जाएगा | तपस्वी दास छावनी के हमारे स्वर्गीय गुरुदेव श्री श्री बलुइया बाबा राम मं...