नवरात्रि मंगलमय हो ! अनुश्री से
ऑनलाइन से 'अनुश्री - कविताएं' प्राप्त करें और भजन, प्रार्थना पढ़ें। वन-वन ढूँढा घर-घर ढूँढा ढूँढा हर फुलवारी में । मैया तुझको ढूँढ रहा हूँ आँगन और अटारी में । अँखियाँ सूख गयीं है मेरी दर्शन की लाचारी में । पल-पल बीत रहें हैं जैसे तपती खड़ी दुपहरी में । आ जा मैया आ जा मैया मन की शीतल झाड़ी में ! कर दे सुफल बैठ कर मेरे जीवन रूपी गाड़ी में । Poet Ramesh Tiwari