जन पालक, उत्तम संचालक सक्षम सपूत मोदी महान

जब-जब सनातन पर संकट आता है तब-तब कोई महापुरुष पैदा होता है और उसे उबार लेता है। 508 ईसा पूर्व आदि गुरु शंकराचार्य ने तथा मुग़ल काल में महाराज तुलसीदास ने सनातन की बुझती लौ को पुनः प्रकाशित किया था। आज एक बार फिर धर्मनिरपेक्षता के वेश में अधर्म व्यापक रूप में फ़ैल चुका है। प्रधानमंत्री मोदी जी का जन्म हो न हो इसे समाप्त करने के लिए ही हुआ है। समर्थ, कीर्तिवान एवं व्यापक लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। ईश्वर आपको दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य सहित पूर्वनिर्धारित विशाल लक्ष्य प्राप्त करने में सफलता प्रदान करे ! 

पैदा बहुत हुए भारत में वीर, प्रतापी, महाबली,
मिटटी से पौधे उगे बहुत त्यागी, बलिदानी, घोर तपी ।
सब विधि सक्षम पूत एक जब भारत भू पर जन्म लिया,
दस बारह पीढ़ी बीत गयी तब जाकर अपना जला दिया ।
भारत हुआ अखण्ड खण्ड हर दुश्मन का अभिमान हुआ,
तीन लोक के राजा के मंदिर का तब निर्माण हुआ ।
व्यापर बढ़ा, निर्यात बढ़ा, निर्माण बढ़ा, सम्मान बढ़ा,
भारत पड़ोसियों के सम्मुख अटल महा चट्टान बना ।
उत्तर हिम से मृदुल एक देश-प्रेम सरिता निकली,
दक्षिण तक बहते-बहते वह हिन्द-सिंधु में मिल मचली ।
लैमारी, घूस, दलाली, गद्दारी, चोरी, मक्कारी –
उसके जल से ठीक हो गयी शदियों की बीमारी ।
भेद-भाव का जहर पुराना साफ़ हो गया उस जल से,
हिंसक या तो कैद हो गए अथवा कांपे डर से ।
महिलाओं को मिली रसोई, घर मलकिन सौगात मिला,
बुरी प्रथा से पीड़ित को प्रिय अपना घर परिवार मिला ।
भोजन जब भरपूर मिला तब शेर पड़ा उठ खड़ा हुआ,
जिसने आँख दिखाई उसको गरजा भीषण झपट पड़ा ।
वह परम तपस्वी दर्शी दूर था दृढ संकल्पी, निष्ठावान,
जन पालक, उत्तम संचालक सक्षम सपूत मोदी महान ।
अनुश्री से, कवि रमेश तिवारी 
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