बंदी बना लिया
छत्र चाँदनी चाँदी की चमक रहे हीरे मोती । सोने की रमणीक कोठरी देवदूत हैं उसके प्रहरी । परियां थिरक रही हैं कलियाँ निरख रही हैं । जीवन भर का जेल हो गया अनजाने मे खेल हो गया । आँखों ने अपराध किया सबला ने बंदी बना लिया ।
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