जीवन जिसमें आहें न हों ! -अनुश्री

आपका मन उदास रहता है, अनिक्षा होती है, उत्साह में कमी आ गई है, त्योहारों की स्वाभाविक ख़ुशी नहीं होती है, लोगों से मिलने का मन नहीं होता है, नींद में भय महसूस होता है ? यदि इसमें से एक भी लक्षण आप में हैं तो आपमें मोबाईल लत का बुरा प्रभाव होना प्रारम्भ हो गया है। मोबाईल के चारों और माइक्रोवेव फील्ड बना लेता है जिसके अधिक संपर्क में तनाव होने लगता है। अतः मनोरंजन हेतु पुस्तक पढ़िए, अनुश्री-कविताएं पढ़िए - उसमें प्रेम, दया, श्रद्धा, उमंग आदि भावनाएं जो आपमें निष्क्रिय हो गयीं हैं उन्हें पुनर्जागृत करने वाली चीजें है। पढ़ते ही आपमें भिन्न-भिन्न मनोभाव उठेंगे और आप प्रसन्न हुए बिना नहीं रह सकेंगे। अनुश्री एक बार पढोगे अच्छी लगेगी, दूसरी बार और अच्छी लगेगी, तीसरी बार पढोगे तो लगेगी कि यह वर्तमान पीढ़ी की सबसे अच्छी पुस्तक है और पांचवी बार या उसके बाद पढोगे तो आप ऊबने के बजाय भाव विभोर हो जाओगे, ह्रदय में आनन्द उत्सर्जित होने लगेगा। एक दो पेज तक पढ़ने का जहमत है उसके बाद किताब महकेगी, भीनी मिठास देगी और पढ़ना सुन्दर स्वप्न देखने जैसा हो जायेगा । एक बार अनुश्री में प्रवेश करके देखो । इस पुस्तक में स...