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Showing posts from January 9, 2022

क्या था अब क्या है

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बचपन में जो याद किया है याद अभी याद रहेगा किसी समय भी । याद किया जो तदुपरांत भूल गया अगले दिन ही । युवा हुआ दायित्व कठिन भी लगे मनोहर गीतों से, मस्त हुआ उपवन वैभव में तरुणाई संगीतों में । शिशिर दोपहरी धूप सुनहरी धारित धरा किशोरी सी पता नहीं नयनों को था यह कल होगी वार्फ़ीली सी । अब क्या अब तो स्मृति में बस केवल क्या था अब क्या है । ये नेत्र देख सकते जब तक यह दुनिया केवल तब तक है । घोर अंधेरे मंडल में भूमंडल राकेट छूटेगा, दूर बिंदु सा दिखते-दिखते सदा-सदा वह डूबेगा !

स्वामी विवेकानंद

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  स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन् 1863 को कलकत्ता में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनका औपचारिक नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। उनकी माता भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों की महिला थीं। उनका अधिकांश समय भगवान शिव की पूजा-अर्चना में व्यतीत होता था। सन् 1871 में, आठ साल की उम्र में, नरेन्द्रनाथ ने ईश्वर चंद्र विद्यासागर के मेट्रोपोलिटन संस्थान में दाखिला लिया जहाँ वे स्कूल गए। वह एकमात्र छात्र थे जिन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज प्रवेश परीक्षा में प्रथम डिवीजन अंक प्राप्त किये। वे दर्शन, धर्म, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, कला और साहित्य सहित विषयों के एक उत्साही पाठक थे। इनकी वेद, उपनिषद, भगवद् गीता, रामायण, महाभारत और पुराणों के अतिरिक्त अनेक हिन्दू शास्त्रों में गहन रुचि थी। नरेंद्र ने पश्चिमी तर्क, पश्चिमी दर्शन और यूरोपीय इतिहास का अध्ययन जनरल असेंबली इंस्टीट्यूशन में किया। 1881 में इन्होंने ललित कला की परीक्षा उत्तीर्ण की, और 1884 में कला स्नातक की डिग्री पूरी कर ली। उन्होंने स्पेंसर की किताब एजुकेशन (1860) का बंगाली में अनुवाद किया

हिन्दू को सामाजिक सुरक्षा सर्वोपरि, मुस्लिम को सामाजिक स्वतंत्रता

कुछ लोग कहते हैं बीजेपी की एक फौज चुनाव प्रचार करती है जिसका मुकाबला प्रियंका अकेले कर रही है, अखिलेश उनका सामना अकेले दम पर कर रहे हैं, मायावती जी तो मैदान में अभी उतरी ही नहीं हैं । कुछ कहते हैं चुनाव प्रचार में रोक से पहले बीजेपी अपना भरपूर चुनाव प्रचार कर चुकी है बाकी पार्टियाँ तो पीछे रह गयीं । यहाँ मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि बीजेपी एक प्रजातांत्रिक पार्टी है जिसमें सभी को बोलने का अधिकार है, सब आगे आकर चुनाव प्रचार कर सकते है, जबकि अन्य पार्टियाँ प्राइवेट लिमिटेड पार्टियाँ हैं, हर एक में एक मालिक है, उसमें सभी को आगे आकर बोलने का अधिकार नहीं है । बीजेपी सनातन धर्म की तरह है जिसका परवर्तक कोई एक महर्षि नहीं है वहीं अन्य पार्टियाँ इस्लाम या ईसाई धर्म की तरह है जिसका जन्मदाता एक नबी, एक पैगंबर, एक मसीहा था । हिन्दू को सामाजिक सुरक्षा सर्वोपरि है वहीँ मुस्लिम को सामाजिक स्वतंत्रता सर्वोपरि है । देखिये क्यों ?हिन्दू कहते हैं क़ि पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी तुष्टिकरण के चक्कर में सामाजिक असुरक्षा न करें तो बाकी सब ठीक है । मुसलिम कहते हैं क़ि बीजेपी यदि हिन्दू-मुस

परशुराम

जाके प्रिय न राम वैदेही सो नर तजिय कोटि बैरी सम यद्यपि परम सनेही । महाराज तुलसीदास जी ब्राह्मण एक ऐसा वर्ग है जिसे सीता-राम से स्वाभाविक श्रद्धा है । अतः जो उसके प्रिय आराध्य का सेवक है वह उससे अलग नहीं हो सकता । वे लोग जो कल ब्राह्मणों के विरुद्ध समाज में इतना विष घोल चुके थे क़ि ब्राह्मणों को यह लगने लग गया था क़ि मानों भारत भूमि अब उनका देश ही नहीं है । वे लोग अब परशुराम सम्मलेन कर रहे हैं । ये वही लोग हैं जो कल भगवान राम का अपमान कर रहे थे आज वे परशुराम जयन्ती मना रहे है । परशुराम का भी नाम राम ही है क्योंकि परशु माने फरसा जो राम शब्द का पूरक नहीं है बल्कि उसका विशेषण है अर्थात वे राम जिनके हाथ में मुख्य रूप से धनुष नहीं अपितु फरसा है । राम फरसा लेकर एक ऋषि के यहाँ अवतरित हुए और क्षत्रीय के एक आततायी हयहय वश का विनाश किया । वही राम धनुष लेकर एक क्षत्रीय के यहाँ अवतरित हुए और ब्राह्मण के एक विशेष आतताई वंश का विनाश किया । जब जब होय धरम कै हानी, बाढ़ें असुर महा अभिमानी । तब तब प्रभु धार मनुज सरीरा, हरैं लोक भाव संभव पीरा । “मैं भी हिन्दू हूँ, मैं भी राम कृष्ण की पूजा करता हूँ किन्तु घर

My Someone

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  Someone I can laugh and silly with is someone I love, and the someone I love, I am sure, will never put me in a situation where I feel I must sacrifice my self-worth to be with my someone. I wanted to take a halt. Just then a hope glimmered from within Like red rays of the sun, straightening through the gaps of thin white clouds, Encouraging me to live for more days. I look someone far away – far, far away, beyond my reach – giving me a smile. What is this smile for? Will it do something to me? I do not know the answer. But I am sure it will spark off each cell of mine With a wild love and fill my heart with life and beauty. The later part of the ode: Yonder looks a lake of sweet water. Its waves leap like a heart stimulated by a deep love. I looked and lo! They sing a note of forbidden friendship. Ah, my throat is scorching; my mouth dry; My steps are effortful to run like; in a dreadful dream, They try to escape from the approaching death. Perhaps I am chasing a mirage. May be, I a