ऊँच और नीच दोनों धर्मी व् विधर्मी के हैं,
पशु और पक्षी के हैं, राजा राम सबके।
रावण के राम तो विभीषण के राम हैं,
रविदास राम के हैं, दास तुलसी उनके।
राजाओं के राम हैं, भिखारियों के राम हैं,
सदन कसाई के दीवानी मीराबाई के।
स्त्री पुरुष के हैं, बच्चों के बुजुर्ग के हैं,
बहनों के प्यारे राम भाई, बाप, माई के।
-Poet Ramesh Tiwari
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