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Showing posts from February 12, 2017

राजनीतिक पार्टियाँ

प्राचीन समय में लोग अपने अपने कबूतरों को रंग कर रखते थे | आज राजनीतिक पार्टियाँ अपने अपने समर्थकों को धर्मनिरपेक्षता, सांप्रदायिकता, जातीयता आदि रंगों से लगातार रंगती रहती है ताकि वे किसी दूसरे के आँगन में न उतर जाएँ | किसी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियाँ एक दूसरे के खिलाफ ऐसा आग उगलती हैं कि मानों वे उनके जन्म-जन्मान्तर के दुश्मन हों | मैने कहा कोई एक दूसरे का दुश्मन नहीं है - आपको ऐसा लगता है | सच कहिए, ये सभी जनता के दुश्मन हैं, या उसकी कमज़ोरी का लाभ उठाने वाले लोग हैं | सारी राजनीतिक पार्टियाँ संयुक्त रूप में एक ड्रामा कम्पनी हैं | इसमें हर एक के रोल आपस में पूर्व निर्धारित हैं | कोई धर्म निरपेक्षता का किरदार निभा रहा है तो कोई हिंदूवादी या मुस्लिमवादी का | कोई इस जाति के मसीहा का डायलाग याद किए है तो कोई उस जाति के | कोई आम आदमी के मेकअप में खास आदमी के खिलाफ मंच तोड़ रहा है तो कोई सान्ता के लिबास में घर-घर उपहार बाटने की अदाकारी कर रहा है | इसमें कुछ ऐसे कुशल अदाकार भी हैं जो समय-समय पर हर तरह के पात्रों की भूमिका निभाते रहते हैं | जो भी हो, इस कंपनी का अंतिम उद्देश्य दर्शकों को ...