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Showing posts from October 17, 2021

कमी खोजो

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विपक्ष पार्टी प्रमुख : कमी खोजो नालायक कमी, नहीं तो घास खोदोगे ! सलाहकार : नेता जी हम लोग चुपचाप नहीं बैठे हैं । प्रधानमंत्री मोदी तो चलो ठीक है - उसके मुये मंत्रियों तक को पैसा काटता है । भ्रष्टाचार का एक आरोप हाथ नहीं लग रहा है । जनता दनादन वैक्सीन लगवा रही है । वैक्सीन की एक दिन कमी पड़ जाती तो भी कुछ काम बन जाता । नौ महीने में सौ करोड़ वैक्सीन लग गयी है - दुनिया वाह वाह कर रही है । अब आप ही बतावो इसमें कहाँ से गुंजाईश निकालें ? किसान आंदोलन से कुछ उम्मीद थी । हम लोगों ने काफी पैसा खर्च किया, उपद्रियो को बटोरा, उपद्रव करवाए - कहीं कुछ नहीं । वर्षों बीतने वाले हैं कहीं कोई पुलिस कारवाही नहीं । अब तो इस आंदोलन से हमारी ही छवि खराब होने लगी है । फूट डालना भी मुश्किल हो गया है, सब राम मंदिर में दीवाने हो गए । मोदी, मोदी .....!! कान पक गए हैं ! हाँ, योगी के यहाँ शुरू में कुछ उम्मीद दिखी थी किन्तु धीरे-धीरे उसने भी मंत्रियों के चूड़ी टाइट कर दिए हैं और जो हमारे बाहुबली थे उन्हें जेल में ढूंस दिए हैं । कही यदि थोड़ी बहुत ही भुखमरी होती तो वेरोजगारी के नाम पर काम बन जाता । वह भी नसीब नहीं । स्

महर्षि वाल्मीकि जयंती

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अखिल भारतीय साहित्य परिषद - बहराइच के तत्वावधान में शरद पूर्णिमा व् महर्षि वाल्मीकि जयंती राम जानकी मंदिर, हमजापुर में मनाई गई । उपस्थित भक्तों ने भगवान वाल्मीकि की पूजा आरती की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की । इसके अतिरिक्त मध्य रात्रि की मधुर चांदनी से अमृत प्राप्त खीर प्रसाद का वितरण किया गया । डा. उमाशंकर वीरेंद्र ने अपने भजनों से हर हृदय में भक्ति रस वर्षा की । इस अवसर पर परिषद के प्रांतीय मंत्री गुलाब चन्द्र जायसवाल व् जिला महामंत्री रमेश चन्द्र तिवारी द्वारा रामायण के रचयिता ऋषिश्रेष्ठ के जीवन पर आधारित एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । विक्रम जायसवाल की अध्यक्षता में गोष्ठी का प्रारंभ आयुष जायसवाल द्वारा वाणी वंदना व् भजन के साथ हुआ । तत्पश्चात कवियों ने अपनी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की । गुलाब जायसवाल ने राम भक्ति पर लिखे गए छंदों का पाठ किया।:"राम ने वनवासी वानर भालू को गले लगाया है, कोल भील केवट सबमें भाई सा प्रेम जगाया है ।" राकेश रस्तोगी विवेकी जी ने एक मधुर भजन गया : "तुम मेरे जीवन के धन हो और प्राणाधार हो, एक तू दाता दयालु सबके पालनहार हो ।" कवि आशुतोष