महामृत्युंजय मन्त्र का हिंदी व् अंग्रेजी में अनुवाद
ऋषि मृकण्डु उनकी पत्नी मरुदयति के पुत्र बालक मार्कण्डेय का जब यमराज ने पीछा किया तो वे भागकर वाराणसी के कैथी नामक स्थान पर शिव लिंग की स्थापना करके उससे लिपट गए और उनके मुख से महामृत्युंजय मन्त्र निकला । भगवान शिव वहां प्रगट हुए परिणामतः यमराज को वहां से लौटना पड़ा । आज जब कोरोना महामारी से मुक्ति पाने का कोई मार्ग नहीं बचा है तो महामृत्युंजय मन्त्र का जाप हमें सुरक्षा प्रदान कर सकता है । मैंने मन्त्र का हिंदी व् अंग्रेजी में अनुवाद करने की कोशिश की है जो निम्नवत है :
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् |
तीन नेत्रों वाले हमारे श्रद्धेय महादेव जो संसार रूपी फुलवारी का पोषण करके उसे सुगंधित करते हैं वे हमें उसी तरह मृत्यु से मुक्त करें किन्तु मोक्ष से नहीं जैसे ककड़ी अपने तने से होती है ।
Highly esteemed Mahadev with three eyes, who nourishes the world and fills it with sweet fragrance, relieve us of death but not of immortality like a cucumber is of its stem.
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