Wednesday 11 February 2015

भारत का बेटा

भारत का बेटा


सीमाओं पर जान कुर्बान कर देता है
खेतों में रक्त से पानी सूखा देता है
प्रयोगशाला में जिंदगी भुला देता है
भारत का बेटा
खैरात की आश में आसमान देखता है
काम से बचने की हर तरकीब सोचता है
खुद लुटता है औरों को भी लुटा देता है
भारत का बेटा
बंदे मातरम कहता है
रेत में रोजगार खोजता है
खुशहाली की ख्वाहिश में
इनसे मिलता है उनसे मिलता है
औषधि तीखा क्यों न हो
पर उपचार चाहता है
भारत का बेटा
निजी स्वार्थ में दीवारें गिरवी रख देता
झूठे सपनों से पेट देश का भर देता
मीठे दानों के जहर देश में बो देता
भारत का नेता
रमेश तिवारी


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