No more ‘Happy New Year!

 

Saturday, 31 December 2022

To welcome 2020 ‘Happy New Year!’ I exclaimed with delight.

The year attracted covid and against it pushed me into a fight.

I became happy again to see 2021, but it worsened my plight.

I greeted 2022 too but it proved to be the most agonising year.

2023 - no more ‘Happy New Year! No more ‘Happy New Year!




2020 आया नव वर्ष में हैपी को मैंने बुलाया,

कोरोना कूदा हैपी घबराया भागा चिल्लाया ।

2021 दिखा हैपी ठट्ठाया लौटकर वापस आया,

हैपी के पंख नुचे रोया, गिरा और फड़फड़ाया ।

2022 हैप्पी की ख्वाहिस फिर हंसा मुस्काया,

इस बार आफत का बादल उस पर घिर आया ।

2023 हेतु हतास हैपी उत्साहित नहीं है,

12 बजने का इंतज़ार अब उसको नहीं है !

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