हिन्दू को सामाजिक सुरक्षा सर्वोपरि, मुस्लिम को सामाजिक स्वतंत्रता

कुछ लोग कहते हैं बीजेपी की एक फौज चुनाव प्रचार करती है जिसका मुकाबला प्रियंका अकेले कर रही है, अखिलेश उनका सामना अकेले दम पर कर रहे हैं, मायावती जी तो मैदान में अभी उतरी ही नहीं हैं । कुछ कहते हैं चुनाव प्रचार में रोक से पहले बीजेपी अपना भरपूर चुनाव प्रचार कर चुकी है बाकी पार्टियाँ तो पीछे रह गयीं । यहाँ मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि बीजेपी एक प्रजातांत्रिक पार्टी है जिसमें सभी को बोलने का अधिकार है, सब आगे आकर चुनाव प्रचार कर सकते है, जबकि अन्य पार्टियाँ प्राइवेट लिमिटेड पार्टियाँ हैं, हर एक में एक मालिक है, उसमें सभी को आगे आकर बोलने का अधिकार नहीं है । बीजेपी सनातन धर्म की तरह है जिसका परवर्तक कोई एक महर्षि नहीं है वहीं अन्य पार्टियाँ इस्लाम या ईसाई धर्म की तरह है जिसका जन्मदाता एक नबी, एक पैगंबर, एक मसीहा था ।

हिन्दू को सामाजिक सुरक्षा सर्वोपरि है वहीँ मुस्लिम को सामाजिक स्वतंत्रता सर्वोपरि है । देखिये क्यों ?हिन्दू कहते हैं क़ि पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी तुष्टिकरण के चक्कर में सामाजिक असुरक्षा न करें तो बाकी सब ठीक है । मुसलिम कहते हैं क़ि बीजेपी यदि हिन्दू-मुस्लिम न करे तो बाकी सब ठीक है जबकि सपा की सरकार में हिन्दू असुरक्षित होता है किन्तु बीजेपी की सरकार में मुस्लिम असुरक्षित नहीं होता है । सपा और बीजेपी में एक और फर्क है । सपा एक विशेष जाति व् संप्रदाय को लाभ पहुँचाती है जबकि बीजेपी लाभ का वितरण सबमें सामान रूप से करती है । बीजेपी मुस्लिम समुदाय को सामान लाभ व् सुरक्षा देती है बस केवल उन्हें अव्यवस्था के लिए स्वतंत्र नहीं करती ।

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