Saturday 15 January 2022

क्या था अब क्या है



बचपन में जो याद किया

है याद अभी

याद रहेगा किसी समय भी ।

याद किया जो तदुपरांत

भूल गया अगले दिन ही ।

युवा हुआ दायित्व कठिन भी

लगे मनोहर गीतों से,

मस्त हुआ उपवन वैभव में

तरुणाई संगीतों में ।

शिशिर दोपहरी धूप सुनहरी

धारित धरा किशोरी सी

पता नहीं नयनों को था

यह कल होगी वार्फ़ीली सी ।

अब क्या अब तो स्मृति में

बस केवल क्या था अब क्या है ।

ये नेत्र देख सकते जब तक

यह दुनिया केवल तब तक है ।

घोर अंधेरे मंडल में

भूमंडल राकेट छूटेगा,

दूर बिंदु सा दिखते-दिखते

सदा-सदा वह डूबेगा !


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