आचार्य प्रवर महामंडलेश्वर युगपुरुष श्री स्वामी परमानन्द गिरी जी महाराज द्वारा प्रवचन - प्रस्तुति रमेश चन्द्र तिवारी
गुरुवार, 29 अक्तूबर 2015 दिनांक 29-10-2015 को प्रातः 6.00 बजे आचार्य प्रवर महामंडलेश्वर युगपुरुष श्री स्वामी परमानन्द गिरी जी महाराज बहराइच आ गये तथा 30वाँ 'भक्ति योग वेदांत संत सम्मलेन’ हीरा सिंह लान, बहराइच में पूज्य साध्वी चैतन्य सिंधु के संचालन में प्रारंभ हो गया | सुबह 6=00 बजे से 7.30 तक योग साधना की शिक्षा तथा शाम 6.00 बजे से 9.00 तक संतो द्वारा भजन, कीर्तन तथा प्रवचन होता रहा | यह कार्यक्रम 01-11-2015 तक चला | पूज्य श्री महाराज जी ने कहा कि सत्संग में या अन्य कहीं भी शब्दार्थ की व्याख्या से विवाद पैदा होते हैं | अतः लोगों को चाहिए कि वे शब्दों के उद्देश्य पर ध्यान दें | ऐसा करने पर स्वस्थ सोच की उतपत्ति होती है और मिथ्या प्रपन्च से बचा जा सकता है | अकसर लोग प्रवचनों में कहे गये शब्दों पर तर्क करके धार्मिक लड़ाइयाँ कर लेते हैं जबकि यदि वे उसके अभप्राय पर ज़ोर दें तो एक दूसरे के आपसी विरोध के बजाय समाज सदभावना पूर्ण ढंग चल सकता है | सत्संग का उद्देश्य जीवन की प्राप्ति है न कि उसके नाम पर लड़ाई | उन्होने इस सन्दर्भ में एक कहानी सुनाई ...
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ReplyDeletenice information. power of prayers
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