I have a variety of exotic dishes of thoughts – all for you, good friends. Come on and enjoy interesting short stories, essays and poems (both in English and Hindi).
Sunday 5 December 2021
हिन्दू एकता दिवस
हिन्दू एकता दिवस की पूर्व-संध्या में तपस्वी दास छावनी के जगतगुरू परमहन्साचार्य महाराज ने आज बहराइच में अपने शिष्य रमेश चन्द्र तिवारी के निवास पर एक जनसभा की अध्यक्षता की । उन्होने भारत माता को पुष्प अर्पित करके जीवन भर देश के प्रति निष्ठावान रहने, उसके लिए संपूर्ण समर्पित होने तथा उसकी सेवा में सदैव रत रहने का संकल्प लिया । इस अवसर पर उन्होने श्रद्धालुओं को भी संकल्प दिलाया कि वे भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित होने तक निरंतर संघर्षरत रहेंगे । सभा को संबोधित करते हुए उन्होने कहा जब देश का विभाजन हुआ तब पाकिस्तान के तत्कालीन नेताओं ने अपने देश को इस्लामिक देश के रूप में स्थापित कर लिया था । दुर्भाग्य से भारत का नेतृत्व ऐसे हाथों में था जिन्होने भारतीय बहुसंख्यक की भावनाओं की अनदेखी की और देश हिन्दू राष्ट्र होने से वंचित रह गया ।
कांग्रेस के 65 वर्षों में वही हुआ जो अंग्रेज कर रहे थे । पाठशालाओं का उन्मूलन होता गया परिणाम यह हुआ अपनी संस्कृति की अज्ञानता की वजह से हिन्दुओं का भारी संख्या में धर्मान्तरण तो हुआ ही साथ में जातीय घृणा से उनकी एकता भी छिन्न-भिन्न होती गयी । दुनिया के सभी देश अपनी भाषा बोलते, लिखते, पढ़ते हैं - क्या कारण है कि हमारा देश अपनी संस्कृत भाषा को भूल गया ? हमारे देश में अभी तक अँग्रेजियत क्यों फल फूल रही है आज हमारे लिए यह एक प्रश्न है । राष्ट्र की परंपरा, उसकी आस्था, कला, जीवन शैली और सामाजिक संगठन राष्ट्र के स्तम्भ होते हैं । ये जितने अधिक मजबूत होंगे राष्ट्र उतना ही सुरक्षित व् सशक्त होगा । हमारे देश के विभिन्न अंचलों में अनेकों तरह के व्रत-पूजा का सहस्त्रों वर्षों से रिवाज रहा है । ये मात्र व्रत अथवा र्पूजा ही नहीं हैं अपितु ये राष्ट्र के कवच हैं । अंग्रेजी शिक्षा हमारे इस कवच को हानि पंहुचा रही है अतः प्राथमिक शिक्षा में देशी भाषा व सांस्कृतिक शिक्षा होना आवश्यक है । विदेशी मान्यता हमारी राष्ट्र चेतना को कमजोर करती है और धुंधली राष्ट्रीयता प्रतिकूल सरकारों को मार्ग दे देती है । मोदी सरकार ने नयी शिक्षा नीति लागू की है जिसमें भारतीय भाषाओं और भारतीय संस्कृति को प्राथमिकता दी गयी है । योगी सरकार ने एक समिति गठित की है जिसका उद्देश्य सभी विषयों को हिन्दी में पढ़ने लिखने को संभव बनाना है । देश हिंदू राष्ट्र बने हम इन्हीं दोनों सरकारों से ही उम्मीद कर सकते हैं, विकल्प के लिए आज हमारे पास कोई दूसरी पार्टी नहीं है । मोदी सरकार ने जब सत्ता संभाला तब से देश अपनी खोई हुई गरिमा को अर्जित कर रहा है हिंदू की विभिन्न जातियों में फिर से भाईचारा बनने लगा है ।
इन सभी विषयों की विस्तृत व्याख्या हमारे शिष्य रमेश चन्द्र तिवारी ने अपनी पुस्तक द राइज़ ऑफ नमो एण्ड न्यू इंडिया में की है । मेरी सभी देश वासियों से अनुरोध है कि वे भ्रमित न हों, वे इस पुस्तक को पढ़ें और जाने उनके लिए क्या कल्याणकारी है । जिस किसी देश में एक संस्कृति में जीने वाले नागरिकों की संख्या अधिक होती है वहां प्रगति और राष्ट्र सुरक्षा अपेक्षाकृत अधिक स्थायी होती है । इसके विपरीत विविधता वाले देश में तुष्टीकरण वाली पार्टियां सत्ता में लौटती रहती हैं और अलगाववादियों को सहयोग करती रहती हैं । आज हमें संकल्प लेना है कि हम देश को और अधिक विविध विचारधारा में बंटने नहीं देंगे, अपितु संपूर्ण देश को उसकी मूल संस्कृति के सूत्र में पिरोएंगे ।
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