हिन्दू मन्दिर तथा धार्मिक स्थल
हिन्दू मन्दिरों तथा धार्मिक स्थलों को विदेशी आक्रांताओं ने लूटा, तोड़ा और वहाँ मस्जिदें बनायी । अँग्रेज़ी हुकूमत ने तो लोगों की आस्था को भटकाने की भरपूर कोशिश की । इस तरह ग्यारह सौ वर्षों तक उन पर अत्याचार होता रहा । जब देश आज़ाद हुआ तब तो उनका पुनरूद्धार होना चाहिए था, किन्तु तब भी वे पैंसठ वर्षों तक उपेक्षित रहे । उदाहरण के लिए काशी के विश्वनाथ बाबा के दर्शन सकरी गलियों से ही हो सकते थे । किसी ने इसे सोचा ? केदार बाबा की घाटी तो पिकनिक स्थल के रूप में इस्तेमाल हो रही थी । राम मंदिर की तो बात जग जाहिर है । राम सेतु को तो नष्ट कर देने का इरादा बन गया था । अंडमान के सेलुलर जेल को आधे से अधिक नष्ट कर दिया गया यदि अटल जी धरने पर न बैठ गये होते तो सोनिया उसका नामोनीसान मिटा देना चाह रही थी ताकि लोग अँग्रेज़ों की बर्बरता याद न कर सकें । अब भारतीय ईस्ट इंडिया कम्पनी तथा मुगल शासन के प्रतिनिधि पार्टियों की बदनीयती के कितने प्रमाण चाहिए लोगों को ? आज मोदी सरकार चुन चुन कर हमारी विरासत को संवार रही हैं । अब मोदी जी की देश के प्रति निष्ठा के और कितने प्रमाण चाहिए ?
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