जीवन जिसमें आहें न हों
जीवन जिसमें आहें न हों,
जीवन जिसकी राहें न हो,
जीवन वह जो तपा नहीं है,
जिसमें आँसू बहा नहीं है,
वह जीवन जो जिया गया हो,
जिसमें वैभव भरा रहा हो,
दिल टुकड़ों में टूटा न हो,
किसी चाह में चीखा न हो,
कंठ प्यास से सूखे न हों,
जिसमें सपने मीठे न हों,
ऐसा जीवन मरा हुआ है,
उत्तर-दक्षिण पड़ा हुआ है ।
Excellent Poem!
ReplyDeleteThank you dear good brother.
DeleteMarvellous words
ReplyDeleteThanks a lot for your encouraging word.
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