आज दशहरा देखने रामलीला मैदान - बहराइच गये थे | वहाँ हमारे अनुज राम जी शुक्ल ने मेरी तस्वीर ली थी | यही जीवन के कुछ क्षण हैं जब हम थोड़ा लीक से हट कर स्वतंत्र भाव से आनंदित होते हैं | वाकई एक उत्साहित भीड़ के साथ अपने में भी उत्साह जागृत होता है और रोजमर्रा जिंदगी की नीरस्ता से मुक्ति मिलती है | जै सीता मैया ! जै प्रभु श्रीराम !
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