Friday 22 October 2021

कमी खोजो





विपक्ष पार्टी प्रमुख : कमी खोजो नालायक कमी, नहीं तो घास खोदोगे !

सलाहकार : नेता जी हम लोग चुपचाप नहीं बैठे हैं । प्रधानमंत्री मोदी तो चलो ठीक है - उसके मुये मंत्रियों तक को पैसा काटता है । भ्रष्टाचार का एक आरोप हाथ नहीं लग रहा है । जनता दनादन वैक्सीन लगवा रही है । वैक्सीन की एक दिन कमी पड़ जाती तो भी कुछ काम बन जाता । नौ महीने में सौ करोड़ वैक्सीन लग गयी है - दुनिया वाह वाह कर रही है । अब आप ही बतावो इसमें कहाँ से गुंजाईश निकालें ? किसान आंदोलन से कुछ उम्मीद थी । हम लोगों ने काफी पैसा खर्च किया, उपद्रियो को बटोरा, उपद्रव करवाए - कहीं कुछ नहीं । वर्षों बीतने वाले हैं कहीं कोई पुलिस कारवाही नहीं । अब तो इस आंदोलन से हमारी ही छवि खराब होने लगी है । फूट डालना भी मुश्किल हो गया है, सब राम मंदिर में दीवाने हो गए । मोदी, मोदी .....!! कान पक गए हैं ! हाँ, योगी के यहाँ शुरू में कुछ उम्मीद दिखी थी किन्तु धीरे-धीरे उसने भी मंत्रियों के चूड़ी टाइट कर दिए हैं और जो हमारे बाहुबली थे उन्हें जेल में ढूंस दिए हैं । कही यदि थोड़ी बहुत ही भुखमरी होती तो वेरोजगारी के नाम पर काम बन जाता । वह भी नसीब नहीं । स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा सब दुरुस्त ! अब बतावो नेता जी मुद्दे कहाँ से लावें, वे हमारे घर में तो बनते नहीं ? वही धूल की रस्सी - अडाणी, अम्बानी, पेट्रोल, प्याज, दाल । फ़िलहाल कोई मोटी चीज हाथ लग नहीं रही है । नेता जी, यदि आपने कुछ अच्छे काम किये होते तो आज काम आते । उनकी कमी नहीं तो आपकी अच्छाई ही आपको सुझाते ।


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