मोदी शेर की दहाड़
मोदी शेर की दहाड़ से भयभीत मिस और मिस्टर लकड़बग्घा एकत्रित होकर झाड़ी के पीछे मीटिंग करना प्रारम्भ कर चुके हैं | सबका आत्मविश्वास डगमगा गया है | 2019 चुनाव के पश्चात देखिएगा ये खिसियाए एक दूसरे को किस तरह नोचेंगे | 29 मार्च 2018
दोष निकालने वालों को चन्द्रमा में दाग दिखते हैं और निष्पक्ष हृदय के लिए वह सुन्दरता का प्रतीक है | पंचायत प्रतिनिधि से लगाकर सांसद तक को जो भी निधि मिलती थी उसका केवल 10 से 25 प्रतिशत ही जनता को मिल पाता था | आज 60 से 80 प्रतिशत जनता को मिल रहा है चाहे वह आवास योजना हो या अन्य कोई | आज हर एक कार्य की जाँच होती है | भ्रष्टाचार समूल समाप्त नहीं किया जा सकता क्योंकि लोगों में भ्रष्टाचार की पुरानी लत पड़ चुकी है | आज विभिन्न परियोजनाओं पर निर्माण कार्य हो रहा है | सड़क विस्तार, रेलवे ट्रैक का विस्तार, स्वास्थ्य संस्थाओं का विस्तार, शैक्षणिक संस्थाओं का विस्तार, सब पर तो काम चल रहा है | विजली आपूर्ति प्रयाप्त मात्रा में है | सभी व्यवसाय चल रहे हैं तथा उपभक्ताओं की बढ़ोत्तरी हुई है | आज खोन्चा वाला, टैंपो वाला भी जीने-खाने भर का कमा लेता है | क्या ऐसा यूपीए सरकार में था ? यदि नहीं तो मोदी सरकार में क्या कमी है ? शुक्रवार, 30 मार्च 2018
सम्पूर्ण आरक्षित वर्ग में एक छोटा समूह है जो सरकारी नौकरी में है, इसे मोदी सरकार नहीं भाती साथ ही इसने अपने को पूरे आरक्षित समाज का ठेकेदार समझ लिया है | किसी भी सरकार के लिए यह असम्भव कि वह देश के इस विशालतम समाज के सभी लोगों को सरकारी नौकरी दे सके | इसी वजह से मोदी जी ने ऐसी नीति अपनाई जिसमें उन सभी लोगों के रोज़गार का प्रावधान किया गया जिन्हें आरक्षण का अभी तक कोई लाभ नहीं मिल सका है - उन्हें इरिक्शा दिया, उनके शौचालय व घर बनवा रही है, उनको मुफ़्त में गैस कनेक्सन दिया, देश में उत्पादन व निर्माण कार्य बढ़ाकर उन्हें रोज़गार दे रही है, छोटे-छोटे उद्योग चलाने के लिए उन्हें ऋण व विजली दे रही है | अब इन ठेकेदारों की हालत खराब है | सोच रहे हैं कि ७० वर्षों की मुफ़्त कमाई पर कहीं संकट न आ जाय | जातिवाद के जहर का प्याला लिए दौड़ रहे हैं उसे अब कोई पीने को तैयार नहीं है |
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