गोलागंज, जनपद बहराइच स्थित उफनती घाघरा नदी का कटान
आज 15 अगस्त को हम लोगों की एक टीम जिसमें मैं, रमेश तिवारी, शीतल प्रसाद अग्रवाल, विजय यादव, मस्त राम एवं सनत कुमार शुक्ल मौजा गोलागंज में घाघरा नदी की कटान से प्रभावित लोगों का जायज़ा लेने गये |
गोलगंज बँधे के उस पार व्यापक रूप से फैली घाघरा नदी |
जब हम लोग कहारन पुरवा पहुचे तो वहाँ की स्थिति देखकर ऐसा लगा कि मनुष्य ऐसी भी स्थिति में जीवन यापन कर रहा है | मौजा गोलगंज के इस गाँव के 300 घरों को नदी ने अब तक निगल लिया है | लोग अपने घरों के ईंटों को खोद कर ट्राली से बंधे पर ले जा रहे हैं | साथ ही अनाज और कुछ समान जिसे वे ढो सकते हैं उसे सुरक्षित स्थान पर पहुचा रहे हैं क्योंकि उनके अनुसार यदि वे ऐसा नहीं करते तो बचा हुआ समान भी नदी में समा जाने का ख़तरा है | गाँव वालों के अनुसार घाघरा पिछले 8 घंटे में 60 फिट ज़मीन काट चुकी है | उनके अनुसार ऐसा तब होता है जब दक्षिण और पश्चिम से आने वाली हवाएँ तेज हो जाती हैं |
घाघरा नदी कहारन पुरवा के पास जहाँ पर कटान कर रही है वहाँ का एक दृश्य:
यही हाल टेपरी, शुकुलपुरवा, कोरिन पुरवा, धोविन पुरवा तथा कायमपुर मौजा के जर्मापुर का भी है |लोग तिगड़ा के आस-पास या बँधे पर गोलगंज चौराहे से बंदरवा बाबा तक टेंट लगाकर बस रहे हैं |
गोलगंज बँधे के अगल-बगल कटान प्रभावित लोगों की अस्थाई बस्ती:
लोग तिगड़ा के आस-पास या बँधे पर गोलागंज चौराहे से बंदरवा बाबा तक टेंट लगाकर बस रहे हैं | देखा यह गया कि वहाँ पीने के पानी की भारी किल्लत है | हमारे मित्र श्री शीतल प्रसाद अग्रवाल जो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं उन्होने ध्रुव कुमार के माध्यम से वहाँ कुछ नल लगवाए हैं | जब हम लोग उन नलो को देखने पहुचे कि वे ठीक से लग गये हैं कि नहीं तब वहाँ के लोगों ने हमें बताया कुछ और नालों की आवश्यकता है क्योंकि पानी लेने के लिए लोगों को बहुत दूर तक जाना पड़ता है और कभी-कभी तो एक एक नल पर बीस बीस लोगों की लाइन लग जाती है |
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