स्वामी परमानंद शिक्षा निकेतन, खम्हरिया शुक्ल – बहराइच
स्वामी परमानंद शिक्षा निकेतन, खम्हरिया शुक्ल – बहराइच
70 वां स्वतंत्रता दिवस
बच्चों ने राष्ट्रगीत का गायन किया | झंडारोहण कार्यक्रम के पश्चात विद्यालय भवन के वरामदे में एक सभा आयोजित की गयी जिसमें अध्यापक़ श्री पंकज कुमार शुक्ल के निर्देशन में छात्रों ने सांकृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये | किसी ने अंग्रेज़ी में भाषण दिया, किसी ने गीत प्रस्तुत किया, किसी ने काब्य पाठ किया | तालियों की गड़गडाहट से विद्यालय पारँगण गूँज उठा |
श्री शीतल प्रसाद अग्रवाल ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि परम पूज्य गुरुदेव हमारे अविभावक हैं और इस विध्यालय को उनका आशीरबाद प्राप्त है | फिर उन्होने कहा कि आज देश का सौभाग्य है कि उसे श्री नरेन्द्र मोदी जैसा प्रधान मंत्री मिला हुआ है जो एक कुशल प्रशासक, उच्चस्तरीय कूटनीतिग्य होने के साथ-साथ समाज में अच्छी सोच, अच्छा जीवन शैली के प्रति जागरुकता पैदा करने में अपनी कुशल भूमिका रखते हैं | उन्होने प्रधान मंत्री के स्वक्षता अभियान की बड़ी प्रशसा की | स्वक्षता अभियान से प्रेरित प्रधानाध्यापक के द्वारा विध्यालय की सफाई की उन्होने भूरि-भूरि प्रसंशा की | उन्होने अविभावकों से निवेदन किया कि वे अपने बच्चों को नित्य समय से विद्यालय भेज कर सहयोग करें |
सभा को रमेश चन्द्र तिवारी ने संबोधित करते हुए कहा कि हम एक बार अँग्रेज़ों से आज़ाद हो गये थे इसका अर्थ यह नहीं है कि हम सदैव के लिए आज़ाद हो गये | प्रथम तो हमें अपने आज़ादी के प्रति सदैव तत्पर रहना आवश्यक है क्योकि देश विरोधी आवाज़ हमारे बीच से ही निकलना प्रारम्भ हो गयी है | दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब तक हम अपनी संस्कृति और अपनी सभ्यता संपूर्ण देश में स्थापित नहीं कर सकेंगे तब तक हम पूर्ण रूप से स्वतंत्र नहीं हो सकते | पाश्चात्य संस्कृति पर आधारित विद्यालय हमारी भावी सन्तति को क्षति पहुचा रही है | उनमें जो निष्ठा अपने देश व समाज के प्रति होनी चाहिए उसमें उत्तरोत्तर कमी होने के संकेत मिल रहे हैं | आज देश को 'स्वामी परमानंद शिक्षा निकेतन, खम्हरिया शुक्ल' जैसे बहुत सारे विद्यालयों की आवश्यकता है |
श्री मस्त राम जी ने कहा कि केवल ज्ञान से ही व्यक्ति श्रेष्ठ नहीं होता | सद्व्योहार, सुसंस्कृति, नैतिक और धार्मिक मूल्य के वगैर कोई भी व्यक्ति महान नहीं हो सकता और इसकी शिक्षा गुरुदेव के इस विद्यालय में ही सम्भव है |
श्री विजय कुमार यादव ने स्वतंत्रता दिवस पर एक मनमोहक गीत प्रस्तुत किया जिसको बच्चों ने ताली बजा-बजा कर उनके साथ गया |
प्रबंध समिति की ओर से उन बच्चों को पुरस्कृत किया गया जिन्होने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया |
अंत में अध्यापकों और उपस्थित अविभावकों की एक संयुक्त मीटिंग की गयी जिसमें शिक्षा के स्तर को और प्रभावी बनाने पर चर्चा हुई | इस सभा के अध्यक्ष श्री शीतल प्रसाद अग्रवाल ने अध्यापकों से अपील की कि चूँकि शिक्षक का स्थान भगवान् के सामान होता है और शिक्षण सर्वश्रेष्ठ कार्य है इसलिए वे सभी विद्यालय के छात्रों को पूरी निष्ठा से पढावें, उन्हें चरित्रवान बनावें तथा विद्यालय के प्रति अपनत्व का भाव रक्खें l
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