हनुमानजी जिनकी प्रबल मुष्टिका प्रहार से राक्षसों में चीख
निकलने लगती है,
मेघनाथ की हड्डियाँ करक
उठती हैं,
कुम्भकरण की नींद भाग
जाती है,
रावण बौखला उठता है, लंकिनी जमीन पर ढनग जाती है वही
हनुमान माता सीता की गोद में नन्हें, कोमल, अत्यंत प्रिय शिशु भी होते हैं | रामजी के आत्मा में बसने वाले प्रभु
हनुमान जी महराज बहुत भक्त वत्सल हैं | हम उनसे प्राथना करते हैं कि वे हमारी
रक्षा करें तथा हमें सद्बुद्धि से प्रकाशित करें | हनुमान जयंती की सबको शुभ कामनायें !
No comments:
Post a Comment