तिरंगा
आजादी अमृत महोत्सव,
भारत के सपनों का उत्सव,
उल्लासित जन चलो मनायें,
चलो तिरंगा सब फहरायें ।
राष्ट्र रंग दें एक रंग में,
जय हो जय हो एक संग में ।
दिखे गगन से प्यारा देश,
इंद्र धनुष हो उसका भेष ।
अविरल अखंड अपना हो झंडा,
राष्ट्र प्रेम की शाश्वत गंगा ।
सम्मुख दुनिया झुक जाए,
दुश्मन देख हमें थर्राये ।
हम नेता हों हमी गुरु हों.
नयी सभ्यता यहीं शुरू हो ।
प्रबल तिरंगा अमर तिरंगा !
शक्तिस्रोत अपना हो झंडा ।
उस पर हो हमको अभिमान,
हम सबकी हो वह पहचान ।
- Ramesh Tiwari
Comments
Post a Comment