Thursday 17 March 2022

होली है ! होली है ! होली है !

 

भोले खेलें ऐसी होली कि घिर गए बादल गुलाल के

हनुमत नाचें गणपति नाचें नंदी गण सब झूमें नाचें

नाच उठा कैलाश कि डम डम ताल पे

ब्रह्मा आये विष्णु आये देवों के उतरे विमान हैं 

मैया बनावे मिठाई कि मेवा डाल के

भोले खेलें ऐसी होली कि घिर गए बादल गुलाल के

गूँज गई घाटी मचल गयी गंगा ऋषियों के टूटे ध्यान हैं

सँडसा बजावें सन्यासी कि गुझिया खाय के 

रंग रंगे सब भंग पिए मस्ती में मस्त ठहरे सूर्य चंद्र

परियां लाईं बहार कि फूल वर्षाय के

भोले खेलें ऐसी होली कि घिर गए बादल गुलाल के

होली है ! होली है ! होली है !

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