Friday 3 September 2021

गलती का दुष्परिणाम


आज मन में आया कि कुछ अवधी में लिखें तो आल्ह छंद लिखा जिसमें आजादी के समय एक गलती के दुष्परिणाम, कोरोना के प्रभाव, प्रधान मंत्री मोदी के सुधार प्रयास सहित चीन को सबक का वर्णन है ।


भरी निकौनिक बिच्चेम बप्पा टंगड़ी दिहिन रहय अंडियाय ।

अब ख्यातन मा घास जामिगा फसल कहाँ लहकै लहराय ।।

नाम कमाइक चसका लगि गा देश जाति फिर कहाँ देखाय ।

अब उई होरहा मूँड़ेप भूजएँ खींचें टांग ज़ोर धमकाय ।।

देश बैठ गा बूढ भैंस अस मोदी भन्डा रहे लगाय ।

तब तक भैंसिक जूड़ी पकरिस उकै और पसरिगै टाँग ।।

जुटे डाक्टर दिहिन दवाई तब वा ज़ोर लगाइस बांग ।

धीरे धीरे ग्वाड़ सोझ भा झटकेम खड़ी भई अर्राय ।

मोदी मोदी कहय लागि तब दुश्मन लागि सबय थर्राय ।।

बहुत साल से वहिके मूँड़ेप कौवा टोन्ट मारि कै भाग ।

अब पंडरू धइकै हुरपेटिस हालय पाँव कवैयक लाग ।।

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