Monday 16 August 2021

अटल

 

जब जब वह मुख-मंडल देखा,
मैने उसमें भारत देखा ।
भारत माँ के श्रेष्ठ लाल
जिसकी भाषा, भावुकता विशाल,
वे प्यारे हर एक हृदय के,
वे तारे हर एक नयन के,
आदर्श दूत वे स्वच्छ दूत,
राजनीति के अंतिम सपूत,
जब जब झाँक तुम्हें देखा,
सिन्धु प्यार का तुममें देखा ।
वैविध्य देश के अति प्रिय नेता,
राष्ट्र भक्ति के अमिट प्रणेता,
आज देश सब अश्रुपूर्ण है
आघात शोक से हृदय चूर्ण है !
तसबीर तुम्हारी जब जब देखा
ज़न नायक की छाया देखा ।
हे वर्तमान पीढ़ी के सच्चे राष्ट्रपिता, हे स्वतंत्र भारत के सर्वश्रेष्ठ राजनेता,
हे युगपुरुष, हे सह्रिदयी राष्ट्रकवि, हे संवेदनशील, स्वच्छ राजनीति के अंतिम नेता !
मैं अश्रुओं की एक एक बूँद से आपको श्रद्धान्जलि अर्पित करता हूँ !

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