राम जी क्षत्रीय नहीं थे

परशुराम जी ब्रह्मण थे, राम जी क्षत्रीय थे, हनुमान जी बनवासी थे और कृष्ण जी यादव थे ऐसा कहने वाले, समझने वाले और अपने जाति वाले भगवान पर ही निष्ठा रखने वाले दम्भी अल्पग्य बतावें कि नारायण किस जाति के हैं, महादेव किस जाति के हैं, जगत जननी माइ किस जाति की है राजनीति कुछ भी करो किन्तु विभिन्न रूपों में हमारे प्रभु की मर्यादा सीमित मत करो राम जी क्षत्रीय नहीं थे वे एक क्षत्रीय के महल में प्रगट हुए थे, कृष्ण जी यादव नहीं थे वे एक यादव परिवार में प्रगट हुए थे, परशुराम जी एक ऋषि के घर में प्रगट हुए थे ये सभी ईश्वर के वे स्वरूप थे जिन्होने आतंकियों, अत्याचारियों को नष्ट किया था किसी जाति विशेष को नहीं कोई बता सकता है हनुमान जी जंगल में रहने वाले लोगों के एक घर में कैसे पैदा हुए थे ? इस पर जातिगत राजनीति अपने धर्म के साथ धोखा है फिर धर्मो रक्षति रक्षितः नहीं हो सकेगा मंगलवार, 28 जुलाई 2020

 

हमें लगता है कि हमारे देश जैसा सच्चा, नैतिक, नीतिवान, आदर्श, भोला भाला और कोई देश नहीं है, हम दुनिया के सबसे धर्मपरायण लोग हैं । अब जरा निष्पक्ष होकर सोचो हमारे यहाँ न्याय है, सदभावना है, परोपकार है या हमारे यहाँ कोई ऐसी चीज है जिस पर हम भरोसा कर सकते हैं । हमारे यहाँ यदि कोई चीज शुद्ध है तो वह पाखण्ड है । आज हमारे देश में हर व्यक्ति केवल अपने सहारे जी रहा है - कोई सहयोग करने वाला नहीं है । हाँ, हमारे पास एक सहारा है, एक भरोसा, एक आस विश्वास है, उसका नाम राम है । जहाँ राम है वहीँ जीवन है जहाँ राम नहीं वहां आत्महीन गति है । बोलो, राम राम राम राम !!! जय सिया राम जय जय हनुमान, संकट मोचन कृपा निधान ।। बोलो, रघुपति राघव राजा राम, पतीत पावन सीता राम ।। भज गोविंदा भज गोपाला, भज मुरली मनोहर नंदलाला ॥


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