मास्क



आदमी से आदमी दूर हो गया
घर में रहने पर मजबूर हो गया ।
दुनिया रिश्ता तोड़ लेगी कहीं
कोरोना के इश्क में मशहूर हो गया ।




आदमी वह नहीं मौत वह आदमी
मास्क पहने विना जो दिखे आदमी ।
देवदूतों के छक्के जहाँ छूटते
वेफिकर है वहाँ भी यही आदमी । 




जहाँ की तहाँ जिंदगी रुक गयी
हेकड़ी सख्स की धूल में मिल गयी ।
अब न कहना खुदा कौन सी चीज़ है
जब सड़क पर तेरी आबरू लूट गयी ।
 

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