श्री महंत बड़े सरकार स्वामी परमहंस दास जी महाराज
आज महात्यागियों की आचार्य पीठ तपस्वीदास जी छावनी रामघाट अयोध्या के श्री महंत बड़े सरकार स्वामी परमहंस दास जी महाराज ने बहराइच में अपने शिष्य रमेश चन्द्र तिवारी के निवास पर सर्व प्रिय पूर्व प्रधान मंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेई की ९४ वीं जयंती वैदिक विधि से षोडसोपचार पूजन करके मनाई । उन्होंने अपने शिष्यों की सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि जैसे सभी देवो के देव महादेव हैं श्री अटल जी का स्थान उसी तरह विश्व के महापुरुषों में माना जाता है । उन्होंने राजनीतिक धरातल पर वह आदर्श स्थापित किया जो प्रभु श्री राम जी मानवता में मर्यादा को स्थापित करके किया था । यह श्री अटल जी का त्याग और पुरुषार्थ था जिसके कारण बीजेपी प्रधान मंत्री की कुर्सी तक पहुंची और आज श्री नरेंद्र मोदी जी पार्टी के पूरी बहुमत से चुने गए दूसरे प्रधान मंत्री हैं । श्री अटल जी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की प्रतिज्ञा की थी और कहा था कि मंदिर निर्माण ही मंदिर शहीदों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी । उनकी अल्पमत की सरकार होने की वजह से वे इस कार्य को पूरा नहीं कर सके । आज राम जी की कृपा से बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है जिसके प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी हैं जो स्वयं स्वीकार करते हैं कि उनके राजनीतिक गुरु श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी थे । अब यदि आचार संहिता से पहले मंदिर निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं होता है तो यह अटल जी के प्रतिज्ञा का अपमान होगा और एक शिष्य द्वारा अपने गुरु की अवज्ञा होगी । उन्होंने महाप्रभु हनुमान जी पर हो रही राजनीति पर कहा कि जो कोई भी हनुमान जी को अपना मान रहा है वह किसी तरह की गलती नहीं कर रहा है किन्तु यदि कोई उन्हें एक सीमा में बांधने की कोशिश करता है तो यह उसकी भूल है । वे सभी वर्ग व् सभी संप्रदाय के देव हैं, वे दलितों, सवर्णों, हिन्दू, मुस्लमान सबका पालन करते हैं और उनके ह्रदय में सबके प्रति समान प्यार है । उन्होंने बुक्कल नवाब के वक्तब्य को उचित बताते हुए कहा कि वे एक ऐसे मुसलमान हैं जिन्होंने हनुमान जी को सही अर्थों में पहिचाना । पानी से भरे हुए हजार घड़े हैं और सभी में सूर्य का प्रतिबिम्ब है । अब यदि कोई घड़ा कहे कि सूर्य तो केवल मेरा है यह उसकी अज्ञानता नहीं तो और क्या है । इसी तरह हनुमान जी तो सभी के हैं, राम जी तो सभी के हैं । हिन्दुस्तान में यदि यह सत्य सभी वर्ग व् संप्रदाय के लोग स्वीकार कर लें तो समस्या समाप्त । उनका मानना है कि बाबर एक आक्रांता था न कि इस्लाम धर्म का कोई प्रतिनिधि इसलिए उसके द्वारा निर्मित किसी भी चीज का विरोध दोनों हिन्दू और मुस्लिम समाज को करना चाहिए और अपने पूर्वज के जन्म स्थली का निर्माण बड़े गर्व से दोनों ही समाज को करना चाहिए । बाबर भारत का नहीं था हम में से किसी का रिश्ता उससे नहीं है । भारत में रहने वाले सभी धर्म के लोग भारतीय हैं इसलिए सबका रिश्ता राम जी से है । अतः सभी लोगों को राम जी पर गर्व करना चाहिए कि वे सम्पूर्ण संसार के राजा थे । राम मंदिर के मामले में उन्होंने आत्मदाह की घोषणा की थी जिसकी वजह से प्रसाशन ने उन्हें जेल भेज दिया था । वहां से मुक्त होने के पश्चात् वे अपने सभी शिष्यों से मिलने आये हैं । वे यहाँ से ऊंच गांव, मिर्जापुर, नेवादा आदि विभिन्न जगहों का भ्रमण करेंगे । उनका कहना है कि राम मंदिर पर उनका आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक मंदिर बन नहीं जाता ।
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