सरकार तो बदली
यहाँ सरकार तो बदली, मगर सिस्टम नहीं बदला
कमीशन वो भी खाते थे, कमीशन ये भी खाते हैं |
हैं बदले खेल के पाले, मगर टीमें नहीं बदलीं
तब म के लोग पागल थे, अब ह के लोग पागल हैं |
कभी भी काम करने से, यहाँ सत्ता नहीं मिलती
बनाते वो भी पागल थे, बनाते ये भी पागल हैं |
मरी जनता हमेशा थी, कहर जनता पे अब भी है
वो तब भी मौज करते थे, वो अब भी मौज करते हैं |
कुछ ने क़ानून को कुचला, कुछ ने क़ानून से खेला
वही सब लोग तब भी थे, वही सब लोग अब भी हैं |
ये हिन्दुस्तान की धरती, घने बादल निरखती है
लूट ले घर कोई चाहे, ये टुकड़ों पे ही बिकती है |
किसी के पास चन्दा है, कहीं वोटों की गंगा है
वेचारी बीच की जनता, न मरती है न जीती है |
कमाती है युवा जनता, उड़ाती खूब जनता है
उन्हें पप्पू की चिंता है, इन्हें टीपू की चिंता है |
रमेश तिवारी
शतप्रतिशत सच
ReplyDeleteThank you, Jitendra
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