जै मैया !




माँ के आँचल में पलते पर

उसको अलग समझते हैं

माँ के दर्शन उनको होते

माँ भक्ति जो करते हैं



सागर तेरे चरण धुलें माँ

चँवर डुलावे पुरवाई

दिशा दिशाएं कीरति गावें

वन बागों की शहनाई

धरती पर सब तेरे बच्चे

उछल-कूद माँ करते हैं

माँ के दर्शन उनको होते

माँ भक्ति जो करते हैं



सारा नभ दरबार सज़ा माँ

सूर्य चंद्र से आलोकित

निशा दिवस पहरे देते हैं

तारों से मण्डप शोभित

मेघों के संगीत सुहाने

मन मोहित कर लेते हैं

माँ के दर्शन उनको होते

माँ भक्ति जो करते हैं



माँ के आँचल में पलते पर

उसको अलग समझते हैं

माँ के दर्शन उनको होते

माँ भक्ति जो करते हैं

- रमेश चन्द्र तिवारी

Comments

Popular posts from this blog

100th episode of PM Modi’s Man-ki-Baat

आचार्य प्रवर महामंडलेश्वर युगपुरुष श्री स्वामी परमानन्द गिरी जी महाराज द्वारा प्रवचन - प्रस्तुति रमेश चन्द्र तिवारी

युगपुरुष स्वामी परमानन्द जी महाराज की अध्यक्षता में श्रीमद् भागवत