Wednesday 4 March 2015

होली है - रंग बिरंगी होली है !!!


कोइक बोवैक परा है, कोइक काटैक परा है,
कोइक लिखयक परा है, कोइक पढ़यक् परा है,
कोइक बोलैक परा है, कोइक सुनयक परा है,
सबका काम परा है |
कोइक गावैक परा है, कोइक रोवैक परा है,
कोइक सोवैक परा है, कोइक जागैक परा है,
कोइक खायक परा है, कोइक पियक परा है,
सबका काम परा है |
कोई खीस बनाये है तौ कोई मुंह लटकाये है,
कोई औन्घात है तौ कोई बौन्गात है,
कोई टर्राट है तौ कोई थर्रात है,
सबका अपन देखात है |
कोई दौरत है तौ कोई टहरत है,
कोई कुर्सिप डॅला है, कोई भुइँमा पॅरा है,
कोई घामेम है तौ कोई छाहिम है, 
सबका अपन देखात है |
कोई रंगमा मस्त, कोई भंगमा मस्त,
कोई भागत है तौ कोई खेदत है,
कोई नाचत है तौ कोई भेंटत है,
अब तौ एक्कै सुझात है |
कोई बप्पा होय, कोई काका होय,
कोई भैया होय तौ कोई दादा होय,
कोई अम्मा होय, कोई काकी होय,
कोई दीदी होय तौ कोई बहिनी होय,
सब अपनै देखात हैं |
होली के शुभ अवसर पर सभी को शुभकामनायें |

-          रमेश तिवारी

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