‘स्वामी परमानंद शिक्षा निकेतन, खंहरिया शुक्ल - बहराइच’
‘स्वामी परमानंद शिक्षा निकेतन खंहरिया शुक्ल’ ने पारम्परिक रूप से 69वें स्वतंत्रता दिवस के
राष्ट्रीय पर्व को मनाया | अध्यापकों के संरक्षण में
बच्चों ने हाथ में तिरंगा लेकर 'भारत माता की जय' बोलते हुए एक प्रभात फेरी निकाली | तत्पश्चात जब
बच्चे विद्यालय लौटे तब वे राष्ट्र ध्वज के सामने पंक्तियों में खड़े हो गये | विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री मोहन लाल गोयल ने
झण्डा फ़हराया और बच्चों सहित सभी ने राष्ट्र गीत का गान किया |
कार्यक्रम के दूसरे चरण में सभी बच्चे कतार से
वरामदे में बैठ गये | परम पूज्य सदा स्मरणीय सद्गुरुदेव भगवान स्वामी
परमानंद जी महाराज का पूजन करके आरती की गयी |
श्री पंकज कुमार शुक्ल के संचालन में बच्चों ने
विभिन्न संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए | अभय कुमार व
आदर्श कुमार ने देश गीत प्रस्तुत किया, भैया शुभम व रघुवंश ने हिन्दी में तथा सुनील
कश्यप ने आंग्ल भाषा में भाषण दिया, आशीष कुमार मिश्र, कुमारी दिव्या, निशांत, कमल कुमार, साकेत कुमार, रंजीत, रवि शंकर ने गीतों की प्रस्तुति की, श्रीपती, प्रशांत, सुभाष ने देश
प्रेम की कविताएँ पढ़ीं, कुमारी सुधा और संध्या ने ‘हम लड़की हिन्दुस्तानी’ नृत्य प्रस्तुत किया | भैया महबूब
सुबहानी ने एक बहुत ही प्यारी कविता जो गऊ माता को समर्पित थी उसको मधुर और
भावत्मक शैली में प्रस्तुत करके सबका मन मोह लिया :
गोरी-गोरी गाय हमारी
सब गायों से बढ़कर प्यारी
घास फूस पर करे गुज़रा
दूध हमें देती है सारा
इसका दूध है कितना अच्छा
इसको पीता प्यारा बच्चा
घर-घर होती इसकी पूजा
इस जैसा है कोई न दूजा |
बच्चों को संबोधित करते हुए श्री मस्त राम जी ने
उन्हें सदाचार की शिक्षा दी | उन्होने कहा कि पूरे दिन में कम से कम हर बच्चे
को 6 घंटे की पढ़ाई अनिवार्य है साथ ही सॉफ-सुथरा रहना और समय का ध्यान रखना सफल
जीवन के लिए आवश्यक है | विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री हरी नाथ प्रसाद
मिश्र ने कर्तव्यनिष्ठा और शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला |
रमेश चन्द्र तिवारी ने सभा को संबोधित करते हुए
कहा, बच्चो, विद्यालय की एक दिन सफाई करके उसे सदा के लिए
स्वक्ष नहीं रखा जा सकता, एक दिन पढ़ने से कोई विद्वान नहीं होता, एक दिन भोजन करने से जीवन भर की भूख नहीं मिटती – तो फिर देश एक
दिन आज़ाद हुआ था वह सदैव आज़ाद कैसे रह सकता है यदि उसको रोज-रोज आज़ाद न किया
जाय | हमें आज़ादी मिले 68 वर्ष हो गये हमने देश को दुबारा आज़ाद नहीं किया
परिणाम स्वरूप हम अपने ही राजतंत्र में परतंत्र होते चले जा रहे हैं, अतः हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी शासन प्रणाली को रोज शोधित करें |
विद्यालय प्रवन्ध संचालक श्री शीतल प्रसाद
अग्रवाल जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब हम विदेशी सत्ता के आधीन थे तब उन्होने
हमें बाँटा और राज किया और आज हमारे अपने ही लोग हमें बाटने में नहीं चूकते | ठीक है हम भिन्न जाति के हैं भिन्न संप्रदाय के हैं लेकिन जहाँ देश का सवाल हो
वहाँ तो हम एक हैं | उन्होने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की
प्रसन्शा करते हुए कहा कि जब उन्होने विभिन्न वादे किए थे तब यह लग रहा था वे सभी
सपने हैं | परन्तु समय बीतने के साथ उनके एक-एक वादे पूरे
होते दिख रहे हैं | उनके स्वक्षता अभियान ने देशवासियों के
दिलो-दिमाक में स्वक्षता के प्रति जागरूकता का स्थान तो बना ही दिया है | उन्होने बच्चों को भी स्वयं को, घर को, स्कूल को व आस पास को स्वक्ष रखने की प्रेरणा दी
| उहोने प्रधानमंत्री योजना के तहत बैंक ख़ाता खोलने व बीमा योजना में बीमाधारक
बनने के लिए सबको प्रेरित किया | उन्होने उपस्थित अविभावकों को संबोधित करते हुए
कहा कि वे अपने बच्चों को नित्य विद्यालय भेजें | विद्यालय पूज्य
गुरुदेव की कृपा से खुला है अतः वह सबका है और उसे संचालित करने की सबकी
ज़िम्मेदारी है |
अन्त में अध्यक्ष महोदय ने भी अंचल के निवासियों
से विद्यालय को सहयोग करने की अपील की तथा शिक्षा देश की कितनी आवश्यकता है इस पर
प्रकाश डाला |
मोहन बाबू ने बच्चों सहित उपस्थित सभी
ग्रामवासियों में मिष्ठान वितरण करवाया | कार्यक्रम को
सफल बनाने में विद्यालय के अध्यापक गण सर्वश्री राकेश कुमार श्रीवास्तव, सुशील कुमार बाजपई, अनिल कुमार बाजपेयी, भीम सेन बाजपेयी, वीरेंद्र कुमार गौर, दिव्यलोक
श्रीवास्तव तथा श्रीमती मीना श्रीवास्तव का योगदान अति प्रसन्शनीय था | सभा विसरजित हुई, सभी बहुत प्रसन्न थे |
प्रस्तुति रमेश
तिवारी
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