Rahul Baba


The old deadbeats now sit in judgment over the industrious government. “Dear old Mr Naïve, who’re you: a Hindu, a Muslim, a Christian or none of them? Mr Green, you’d better go to Europe to learn the basics of politics from you maternal uncles.”

As long as Sri Manmohan Singh headed the country, The Prime Minister of India was nothing more than a doll to the mother and her son. They realized the power of the chair right as Sri Modi succeeded him. The air of conceit slowly leaked out of their heads and PM Modi, whom the whole country finds as a gentle Prime Minister, looked like a dictator to them.

If the UPA had continued, a lot many retailers, vendors or even shopkeepers would have committed suicide by now because, as I can remember, they then had to spend the whole day without any customer visiting them. Now even a very ordinary peddler earns his sufficient living in the streets. Those who did not have a bicycle have a bike of their own. There is a flood of car owners today. Every pocket, every bank account is not empty of money. Small trades and entrepreneurs are flourishing day by day. Transport facilities are improving with a rapid speed. Bua ji would have decorated the cities of UP with elephants; Bhai ji would have left a community loose on the peace loving group of people. Now the whole stock of a caste is happy; only the samples in the hands of a party are worried.

There is only one reason for currency shortage and that is people have sufficient money in their bank accounts now. Mr Youthful, you are nobody to pass remarks over it because, during the UPA rule, most bank accounts had zero balance. 

राहुल, मायावती, अखिलेश में से कौन ऐसा है जो अंतरराष्ट्रीय कूटिनीति झेल सकता है ? वहाँ देशवाद है जातिवाद कोई विषय नहीं है, वहाँ घाटी पार करना है रस्सी पर चलकर, वहाँ एक भी ग़लती का परिणाम अस्तित्व का दाँव पर लग जाना | अब यदि इनमें से कोई नहीं है तो क्यों पड़े हो चक्कर में मोदी को सौंपो और फिर निश्चिंत जातिवाद का सतरंज खेलो |

"अगर संसद में पंद्रह मिनट बोल दूँगा तो मोदी जी खड़े नहीं हो पाएँगे |" - राहुल गाँधी
सही कहा भैया - मोदी जी तो क्या सारा संसद ही हँसते हँसते लोट-पोट जाएगा !

हिन्दुस्तान की जनसंख्या कम होने के दिन आ गये | अब इंदिरा जी वाला नहीं बल्कि मोदी जी वाला जिसमें हैवानों को कुछ नहीं सिर्फ़ निपटा दिया जाएगा |

चुनाव आयोग खराब
सुपरीम कोर्ट खराब
सेना खराब
भारतीय राष्ट्रीय जनता खराब
प्रधान मंत्री मोदी - उनका तो नाम ही खराब
काग्रेस के वोटर किस तरफ से आते हैं ?
शायद कश्मीर के रास्ते से ............

अबकी बार
कांग्रेस का अंतिम संस्क...........!

मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग खारिज, क्योंकि अपने अस्तित्व के ख़तरे से बौखलाई कांग्रेस भूल गई कि इसके लिए एक पुख़्ता सबूत ज़रूरी है |

“दलित मोदी जी से नाराज़ हैं” – राहुल गाँधी
हाँ, हो सकता है कि कुछ लोग नाराज़ हों लेकिन उन्होने इतना भी होश खो नहीं दिया है कि वे अपना बीजेपी घर छोड़कर तुम्हारा दरवाजा खटखटाने जाएँगे | याद कर लो २०१४ में भी आप दलित दलित करते रहे किन्तु वे मोदी को और मोदी उनको छोड़ने से रहे |

मणिशंकर अइयर ने गुजरात हरवाया और अब कर्नाटक को सलमान खुर्शीद | कांग्रेस के वरिष्ठ लोग उसकी जीत नहीं चाहते जिसकी दो वजह है : पहला तो उन्हें अब गाँधी परिवार के नेतृत्व से परहेज है क्योंकि वे जानते हैं कि अब जनता उन पर कभी विश्वाश नहीं करेगी और दूसरा इसी कारण उनका भविष्य भी अंधेरे में जा रहा है | खैर, कांग्रेस का किला ढहने लगा है और वह दिन दूर नहीं है जब कांग्रेस सभी क्षेत्रिय पार्टियों के साथ अकेले बीजेपी से निपटने के लिए खड़ी होगी जैसा पहले कांग्रेस के खिलाफ सभी पार्टियाँ किया करती थी | बीजेपी अब इंदिरा के कांग्रेस से भी अधिक मजबूत स्थिति में है | निश्चित है सभी पार्टियाँ सिर्फ़ भौंकेगी थकेंगी फिर भौकेंगी |

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