हम पीपल हैं हम चंदन हैं हममे ईश्वर की भक्ती
सोमवार, 26 जनवरी 2015
हम पीपल हैं हम चंदन हैं
हममे ईश्वर की भक्ती
हिंसक को हमने हिरन बनाया
शान्ति हमारी शक्ती
हम स्वर्ण धातु हैं दैविक हैं हम
आदि सभ्यता की पहिचान
परत, परत इतिहास पलट लो सब बदले
हम अब भी मानवता के प्राण
दुनियाँ को धमकाने वाले चले गये
हमें बदलने वाले
खुद अपने परिचय में उलझ गये
कोहरे छाये बादल बिजली कड़की
घनी अंधेरी रातें आईं
ओले वर्षे कठिन कुटिल चिंगारी भड़की
किन्तु सूर्य पूरब में फिर से
उसी तरह से उग आया है
आज तिरंगा मुस्काया है
शत नौ वर्षों पश्चात
भारती गरज उठी है
अम्बर की दीवारें सारी काँप उठी है
महादिऊप की महाशक्ति हम फिर से होंगे
अहंकार का काल निकट आया है
- Ramesh Tiwari
हम पीपल हैं हम चंदन हैं
हममे ईश्वर की भक्ती
हिंसक को हमने हिरन बनाया
शान्ति हमारी शक्ती
हम स्वर्ण धातु हैं दैविक हैं हम
आदि सभ्यता की पहिचान
परत, परत इतिहास पलट लो सब बदले
हम अब भी मानवता के प्राण
दुनियाँ को धमकाने वाले चले गये
हमें बदलने वाले
खुद अपने परिचय में उलझ गये
कोहरे छाये बादल बिजली कड़की
घनी अंधेरी रातें आईं
ओले वर्षे कठिन कुटिल चिंगारी भड़की
किन्तु सूर्य पूरब में फिर से
उसी तरह से उग आया है
आज तिरंगा मुस्काया है
शत नौ वर्षों पश्चात
भारती गरज उठी है
अम्बर की दीवारें सारी काँप उठी है
महादिऊप की महाशक्ति हम फिर से होंगे
अहंकार का काल निकट आया है
- Ramesh Tiwari
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