गंगा और गऊ हमारे लिए
परमात्मा के वरदान हैं | गंगा
में स्नान करने व उसका जल पीने से कभी कोई रोग नहीं हो सकता और इसी के साथ यदि कोई
गाय का दूध पीता है तो उससे अधिक कोई बलवान और बुद्धिमान नहीं हो सकता | हमारी माँ हमें अस्तित्व प्रदान करके अपने दूध से पोषित करती है और वही
पोषण बाद में हमें गंगा और गऊ से प्राप्त होता है इसीलिए हमारे पूर्वजों ने हमें
सिखाया गंगा और गौ भी हमारी माताएं हैं | कितने दुख की बात
है कि आज हमने गंगा मैया को दूषित कर डाला है | कितने
स्वार्थी हैं हम कि गऊ माता का दूध तो ले लेते हैं किंतु उसे पालने की ज़िम्मेदारी
से बचते हुए उन्हें छुट्टा छोड़ देते हैं | कितने निष्कृष्ट
हो गये हैं हम कि अपने बृद्ध मां बाप को बृद्धा आश्रम भेज देते हैं | भगवान ने दोनों देवता और राक्षस बनाया - राक्षस वे हैं जो अपनी माँ को खा
जाते हैं, उसे दूषित करते हैं और देवता वे हैं जो उसका
संरक्षण करते हुए उसकी सेवा करते हैं |
आज सुबह ५.०० बजे जब
मैं सड़क पर पहुचा तब हमारे मोहल्ले के ८-१० वरिष्ठ पुरुषों का समूह मिला | हम लोग प्रातभ्रमण के लिए एक साथ हुए |
उनमें से एक ने कहा, "आज कोहरा बहुत घना
है |" मैने कहा, "यदि कोहरा
होता तो ज़मीन कुछ तो गीली होती | मुझे लगता है यह सब धुआँ
है |" तभी एक दूसरे ने कहा, "हाँ, यह तो सही है - मेरे नाक और गले में जलन हो रही
है |" मैं जब वापस लौटा हूँ और सूरज निकालने का समय हो
गया है तब जाकर कोहरे की बूँदें दिखीं हैं | यह स्थिति है,
दिल्ली तो टीवी पर दिखती है किंतु बहराइच नहीं | मेरा मानना है ज्यों-ज्यों जनसंख्या बढ़ती है त्यों-त्यों जनसंख्या
नियंत्रक घटक और प्रभावशाली होने लगती है | वैज्ञानिक कहते
हैं वे सभ्यता का विकास कर रहे हैं - मैं कहता हूँ वे सभ्यता का विनाश कर रहे हैं |
यदि मशीन का विकल्प है तो मनुष्य शारीरिक श्रम से जीविका अर्जित
नहीं करेगा चाहे वह प्रकृति के प्रकोप से समाप्त क्यो न हो जाय |
एक व्यक्ति को कहीं
जाना है तो वह अपने को धनी दिखाने के चक्कर में कार से जाएगा और चार लोगों की जगह
सड़क पर अकेले घेरेगा | आजकल
किस्त पर कार उपलब्ध होने की वजह से कारों का समुन्दर बन गया है | कार मोटर साइकिल इतनी की सड़क पर चलना मुश्किल होने लगा है | चारों तरफ पोलिथिन की थैली का ढेर और उससे उठता धुआँ | नेतागीरी और मनरेगा ने किसानों को निकम्मा बना दिया है | वे अब पशुपालन से बचते हैं जिसकी वजह से वे फसल मशीन से काटकर उसे जलाते
हैं पहले वे हाथ से फसल काटते थे और पुआल को पशुओं को खिलाते थे | अँग्रेज़ी खाद ने गोबर की खाद को चलन से बाहर कर दिया है | प्राकृतिक सन्तुलन विगड़ रहा है | प्रदूषण के भयानक
प्रकोप ने मानवता को घेर लिया है | दो विकल्प हैं : मेहनत
करके जिओ या राजा बाबू बनकर मरो |
No comments:
Post a Comment