Thursday 30 December 2021

जय जय गिरिबरराज किसोरी



जय जय गिरिबरराज किसोरी।
जय महेस मुख चंद चकोरी।।
जय गजबदन षडानन माता।
जगत जननि दामिनि दुति गाता।।

नहिं तव आदि मध्य अवसाना।
अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।।
भव भव विभव पराभव कारिनि।
बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि।।

जानकी जी ने अपनी पसंद का बर प्राप्त करने के लिए मां पार्वती की ऐसी स्तुति की जो हृदय में आनंद का अमृत रस की तरह उतर जाता है : हिमालयराज सुता की जय हो ! चकोरी की भाँति भगवान महेश के मुख मंडल रूपी चंद्रमा को निरखने वाली उनकी प्रिया की जय हो ! गणेश और कार्तिकेय जैसे मंगलकारी पुत्रों की माता की जय हो ! हे सम्पूर्ण संसार को जन्म देने वाली तथा उसे शक्ति व प्रकाश प्रदान करने वाली महामाता आपकी जय हो ! हे माँ, आपका न कोई आरम्भ है, न मध्य है और न ही कोई अंत है । आपकी अनन्त महिमा का ज्ञान स्वयं वेदों के लिए असंभव है । होने का होना अर्थात संसार का सृजन, उसका संरक्षण तथा उसका अन्त, हे माता, आप इन शास्वत क्रिया की श्रोत हैं । विश्व को आकर्षित करने वाली, हे माता, आप ही एक मात्र ऐसी हैं जिस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है – आप ब्रह्मांड में स्वतंत्र विचरण करती हो ।

Tuesday 28 December 2021

WORLD BOOK FAIR - NEW DELHI

 

I have written two books. The first entitled ‘Snippets of Life Music’ is a collection of twenty-one stories based on both social and spiritual backgrounds: a cornucopia of unexplored ideas. It was built up over a period of ten years. Its stories offer a wealth of delights and inspiration, answer some profound social and philosophical questions, resonate with emotions, represent different universal themes and have a stimulating effect. The deeper a reader goes, the more they will enjoy the different shades of meaning, connotations and subtexts. I recently published my second book under the title ‘The Rise of NaMo and New India’. It is divided into two sections: the first part is written in prose, and the second mostly in verse. This captivating book charts India’s 7-year history of NaMo's good governance, describing how the whole country slowly got bathed in the warm glow of nationalist light, how people welcomed the new era of self-governance after a long period of foreign rule followed by a pseudo-Indian regime and how the country emerged in a new indigenous look. It also consists of exquisitely written songs about our widely admired Prime Minister and his achievements. In short, both of the books open doors to a new world of social and political information. #HighbrowScribesPublications

Saturday 25 December 2021

Anniversary of the Birth

 



Today Pratibha Sanrakshan Sewa Nyas Bahraich, celebrated 160th Birth Anniversary of the great educationist and Social reformer, Pandit Madan Mohan Malaviya. The organization honoured a few leading social workers, poets, authors and other talents of the district as a tribute to Mahamana. I felt flattered at being one of them. I extend my heartfelt thanks to Shri Ghanshyam Bajpai, the custodian of the trust, the secretary of the trust, Shri Devendra Upadhyay and all of the Office Bearers and members of the organization for conferring the precious honour on me.



The President of Kalam Foundation, Shri Amar Singh Visen, and his team organized a poetry reading to celebrate 160th anniversary of the birth of Pt Madan Mohan Malveeya and 97th anniversary of the birth of our former Prime Minister Shri Atal Bihari Bajpai at Kisan PG College, Bahraich today. Our worthy leader, Smt Anupama Jaiswal, honoured the event with her presence as the Chief Guest and Smt Madhuri Singh as the Special Guest. Shri Deenbandhu Shukla anchored the programme proficiently. I extend my grateful thanks to Shri Amar Singh Visen, Shri Deenbandhu Shukla and the members of the foundation for giving me the opportunity to be the part of this memorable event as a speaker.

Tuesday 14 December 2021

भारतीय राजनीति - नई दिशा



विपक्ष बीजेपी को सांप्रदायिक पार्टी कहकर बदनाम कर रही थी । यह योजना इन इन जातियों के लिए है, यह योजना केवल मुस्लिम के लिए है - ऐसा कौन करता है और ऐसा करके एक दूसरे वर्ग को कौन लड़ाता रहा है ? मोदी सरकार की आवास योजना, शौचालय योजना, ठेला/रेहडी वालों को दस हज़ार ऋण योजना, मुफ़्त अनाज योजना आयुष्मान योजना आदि ग़रीबों के लिए है किसी विशेष जाति व संप्रदाय के लोगों के लिए नहीं । कहना नहीं चाहिए इनका सबसे अधिक लाभ अल्पसंखकों ने उठाया और जिसकी वजह से आज अल्पसंख्यक समुदाय अंदर-अंदर मोदी सरकार से खुश है और हिंदू समुदाय से घुल-मिल रहा है । आज उसकी प्रतिक्रिया में काफ़ी कमी आई है । राम मंदिर बनने या काशी विश्वनाथ के पुनर्निर्माण से उसे कोई परहेज नहीं क्योंकि वह अब मानने लगा है कि आख़िरकार ये सब उनके भी पूर्वजों की विरासत है और इससे उनका भी रोज़गार बढ़ने वाला है । कुल मिलकर मोदी सरकार सबके लिए है, सबके विकास के लिए है और भारतीयों को भारतीयों से जोड़ने के लिए है । आज दोनों हिंदू व मुस्लिम या अगड़ी व पिछड़ी जानने लगे हैं कि उन्हें आपस में कौन लड़ा रहा था, उनमें जहर कौन घोल रहा था ।

प्रधानमंत्री मोदी अपनी कूटनीति के लिए शदियो-शदियो विश्व विख्यात रहेंगे । उन्होने अपनी दीर्घ-प्रभावी नीतियों से भारतीय राजनीति को ही नहीं अपितु समाज को भी नई दिशा दी है । उनकी ख़ासियत यह है कि वे जो कहते हैं उसे वे करते हैं : 2013 में उन्होंने जो वादे किए थे देश की जनता उस पर विश्वास नहीं कर रही थी क्योंकि उसके पूर्व उसने किसी सरकार को न इतना बड़ा वादा करते सुना था और न ही उसे पूरा होते देखा था । कुछ लोग तो उन्हें फेंकू कहते थे । आज उनके मुँह पर ताला लगा हुआ है, उनकी आज सबसे बड़ी परेशानी है कि उनके पास मोदी सरकार की बुराई करने के लिए कुछ बचा ही नहीं है । वे अल्प संख्यक जिन्हें मोदी जी से इतनी घृणा थी कि उनकी सोच मोदी जी के प्रति घातक थी । आज उनकी भी ज़ुबान बन्द है, आज उन्हें भी लगता है कि वे मोदी सरकार में जिस तरह से आराम महसूस कर रहे हैं वैसा उन्हें पहले कभी नहीं मिला था और उन्हें अब अहसास होने लगा है कि दुनिया मे भारतीय ही उनके सगे भाई-बहन हैं और वे भ्रम वश अपने ही भाई-बहानो को घृणा कर रहे थे । यह नये भारत का उदय नहीं तो और क्या है ? विस्तृत विषय वस्तु के लिए The Rise of NaMo and New India पढ़ें : 



Monday 13 December 2021

Kashi Vishwanath corridor

Kashi Vishwanath, Kedar Dham, Ram Janmbhoomi and several such ancient temples are the parts of our national heritage. Are you proud of your monuments and centres of faith restoring their old glory, or, are you accustomed to listening to facetious and slanderous remarks about them? PM Modi and CM Yogi are doing what your great emperors did a very long time ago. Realize India is yours and you must be free with your culture and heritage. In 18th century Ahilyabai Holkar had made an effort to rebuild Kashi temple and, after a long long period, it is being restructured by PM Modi. Today he took a dip in the Ganga and made his way to the temple with a vessel of water from the holy river to perform religious rituals inside the temple. Finally, he inaugurated the Kashi Vishwanath corridor between the temple and the banks of the river.

 

Sunday 12 December 2021

बीर सपूत

 



भारत माँ का बीर सपूत

जिसमें था बल बुद्धि अकूत,

चीनी जिससे घबराते थे,

पाकी घर में घुस जाते थे,

माँ की गोद में लेट गया

शौर्य कथाएँ छोड़ गया ।

                  - Ramesh Tiwari

Thursday 9 December 2021

PM Modi Paid Tribute to CDS General Rawat

 


PM Modi paid tribute to CDS General Rawat, his wife and the brave soldiers, who lost their lives in the helicopter crash at Coonoor in Tamil Nadu. I with all of the countrymen stand in silent tribute to the brave sons of India, who burdened themselves with our worries with a view to making us carefree. Just think of those daughters who have lost both of their parents; think of those daughters whose tears have dried up behind their eyes out of immeasurable grief; think of those daughters who cling to the photos of their fathers.

Condolence to the Family of our CDS General Bipin Rawat

 

I convey my heartfelt condolences to the family of our CDS General Bipin Rawat and Mrs Rawat and to the families of 11 brave AF personnel, who perished in a Chopper crash at Coonoor city, Tamil Nadu. We have lost a very devoted and competent commander and can never forget his vital contribution to our country becoming a strong military power. The whole country is shocked by the tragedy. Wednesday, 08 December 2021

Sunday 5 December 2021

हिन्दू एकता दिवस


हिन्दू एकता दिवस की पूर्व-संध्या में तपस्वी दास छावनी के जगतगुरू परमहन्साचार्य महाराज ने आज बहराइच में अपने शिष्य रमेश चन्द्र तिवारी के निवास पर एक जनसभा की अध्यक्षता की । उन्होने भारत माता को पुष्प अर्पित करके जीवन भर देश के प्रति निष्ठावान रहने, उसके लिए संपूर्ण समर्पित होने तथा उसकी सेवा में सदैव रत रहने का संकल्प लिया । इस अवसर पर उन्होने श्रद्धालुओं को भी संकल्प दिलाया कि वे भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित होने तक निरंतर संघर्षरत रहेंगे । सभा को संबोधित करते हुए उन्होने कहा जब देश का विभाजन हुआ तब पाकिस्तान के तत्कालीन नेताओं ने अपने देश को इस्लामिक देश के रूप में स्थापित कर लिया था । दुर्भाग्य से भारत का नेतृत्व ऐसे हाथों में था जिन्होने भारतीय बहुसंख्यक की भावनाओं की अनदेखी की और देश हिन्दू राष्ट्र होने से वंचित रह गया ।

कांग्रेस के 65 वर्षों में वही हुआ जो अंग्रेज कर रहे थे । पाठशालाओं का उन्मूलन होता गया परिणाम यह हुआ अपनी संस्कृति की अज्ञानता की वजह से हिन्दुओं का भारी संख्या में धर्मान्तरण तो हुआ ही साथ में जातीय घृणा से उनकी एकता भी छिन्न-भिन्न होती गयी । दुनिया के सभी देश अपनी भाषा बोलते, लिखते, पढ़ते हैं - क्या कारण है कि हमारा देश अपनी संस्कृत भाषा को भूल गया ? हमारे देश में अभी तक अँग्रेजियत क्यों फल फूल रही है आज हमारे लिए यह एक प्रश्न है । राष्ट्र की परंपरा, उसकी आस्था, कला, जीवन शैली और सामाजिक संगठन राष्ट्र के स्तम्भ होते हैं । ये जितने अधिक मजबूत होंगे राष्ट्र उतना ही सुरक्षित व् सशक्त होगा । हमारे देश के विभिन्न अंचलों में अनेकों तरह के व्रत-पूजा का सहस्त्रों वर्षों से रिवाज रहा है । ये मात्र व्रत अथवा र्पूजा ही नहीं हैं अपितु ये राष्ट्र के कवच हैं । अंग्रेजी शिक्षा हमारे इस कवच को हानि पंहुचा रही है अतः प्राथमिक शिक्षा में देशी भाषा व सांस्कृतिक शिक्षा होना आवश्यक है । विदेशी मान्यता हमारी राष्ट्र चेतना को कमजोर करती है और धुंधली राष्ट्रीयता प्रतिकूल सरकारों को मार्ग दे देती है । मोदी सरकार ने नयी शिक्षा नीति लागू की है जिसमें भारतीय भाषाओं और भारतीय संस्कृति को प्राथमिकता दी गयी है । योगी सरकार ने एक समिति गठित की है जिसका उद्देश्य सभी विषयों को हिन्दी में पढ़ने लिखने को संभव बनाना है । देश हिंदू राष्ट्र बने हम इन्हीं दोनों सरकारों से ही उम्मीद कर सकते हैं, विकल्प के लिए आज हमारे पास कोई दूसरी पार्टी नहीं है । मोदी सरकार ने जब सत्ता संभाला तब से देश अपनी खोई हुई गरिमा को अर्जित कर रहा है हिंदू की विभिन्न जातियों में फिर से भाईचारा बनने लगा है ।

इन सभी विषयों की विस्तृत व्याख्या हमारे शिष्य रमेश चन्द्र तिवारी ने अपनी पुस्तक द राइज़ ऑफ नमो एण्ड न्यू इंडिया में की है । मेरी सभी देश वासियों से अनुरोध है कि वे भ्रमित न हों, वे इस पुस्तक को पढ़ें और जाने उनके लिए क्या कल्याणकारी है । जिस किसी देश में एक संस्कृति में जीने वाले नागरिकों की संख्या अधिक होती है वहां प्रगति और राष्ट्र सुरक्षा अपेक्षाकृत अधिक स्थायी होती है । इसके विपरीत विविधता वाले देश में तुष्टीकरण वाली पार्टियां सत्ता में लौटती रहती हैं और अलगाववादियों को सहयोग करती रहती हैं । आज हमें संकल्प लेना है कि हम देश को और अधिक विविध विचारधारा में बंटने नहीं देंगे, अपितु संपूर्ण देश को उसकी मूल संस्कृति के सूत्र में पिरोएंगे ।

हिन्दू मन्दिर तथा धार्मिक स्थल

 


हिन्दू मन्दिरों तथा धार्मिक स्थलों को विदेशी आक्रांताओं ने लूटा, तोड़ा और वहाँ मस्जिदें बनायी । अँग्रेज़ी हुकूमत ने तो लोगों की आस्था को भटकाने की भरपूर कोशिश की । इस तरह ग्यारह सौ वर्षों तक उन पर अत्याचार होता रहा । जब देश आज़ाद हुआ तब तो उनका पुनरूद्धार होना चाहिए था, किन्तु तब भी वे पैंसठ वर्षों तक उपेक्षित रहे । उदाहरण के लिए काशी के विश्वनाथ बाबा के दर्शन सकरी गलियों से ही हो सकते थे । किसी ने इसे सोचा ? केदार बाबा की घाटी तो पिकनिक स्थल के रूप में इस्तेमाल हो रही थी । राम मंदिर की तो बात जग जाहिर है । राम सेतु को तो नष्ट कर देने का इरादा बन गया था । अंडमान के सेलुलर जेल को आधे से अधिक नष्ट कर दिया गया यदि अटल जी धरने पर न बैठ गये होते तो सोनिया उसका नामोनीसान मिटा देना चाह रही थी ताकि लोग अँग्रेज़ों की बर्बरता याद न कर सकें । अब भारतीय ईस्ट इंडिया कम्पनी तथा मुगल शासन के प्रतिनिधि पार्टियों की बदनीयती के कितने प्रमाण चाहिए लोगों को ? आज मोदी सरकार चुन चुन कर हमारी विरासत को संवार रही हैं । अब मोदी जी की देश के प्रति निष्ठा के और कितने प्रमाण चाहिए ?