Thursday 31 August 2023

Rakshabandhan



Rakshabandhan is celebrated on the last day of the month of Shravan which mainly falls in August. On this day, sisters tie an amulet called rakhi around the wrists of their brothers as a symbol of the bond of protection and obligation. Sanatan culture defines every relationship as a divine bond between members of a family, which ultimately generates a sense of having natural obligations to each other and makes the family live comfortably. Father loves his son and daughter and brings them up, so does a mother; but the relationship between a brother and his sister is such that involves deep feelings and self-sacrificing attributes. A sister cares for her brother and a brother can do anything to protect his sister.
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Her brother be fabulously wealthy
Enjoy happy life and be healthy
Every sister prays day and night.
Love and care pour from her voice;
Proud of his success she is always,
Cools him in her delicate shade.
Every brother loves his sister
And wishes for her to be a queen.
He is always on her guard;
All the world to him his sister mean.
A harsh wind he is ready to face
So that she could with pleasure beam.
The bond between brother and sister
Make them to each one’s needs minister.
Happy Raksha Bandhan, every one!
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Every part of love and affection has been a fresh breath, a divine colour and beauty and the air of god in us, but the solemn relation between brother and sister stands above all. Happy Rakshhabandhan!
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Bhaiya is used to describe someone that one feel a great affection for. But it exceeds every level of feeling when our sister calls us Bhaiya. We feel a surge of emotion at the thought of Raksha Bandhan; then as our most loving sister ties Raksha around our wrist, we fail to hide the warm feelings that we are overcome with. It is not the reshmi string but the love itself: the pious love between a brother and his sister. It is a carrier that transports our sister’s best wishes for our long and safe life. Oh how we love our sweet little sister! Happy Raksha Bandhan, everyone!
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Our emotions spill over when
A reshmi string our sister ties
Around our wrist and
Wishes us a long happy life.
We love our sister more than anyone!
Happy Raksha Bandhan, everyone!
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We celebrate the bond of love and protection on Raksha Bandhan, a festival of deep emotions of love and care which siblings express. Sister ties a sacred string around the wrist of her brother to ensure that he be safe from all harms. She also puts a Tilak on his forehead praying that God shower him with blessings of health, happiness and success. The brother who thinks the world of his sister is naturally responsible for watching and protecting his sister. May the warmth of affection between brothers and sisters continue to flourish forever and this Raksha Bandhan spread its emotional message across the country and bring our brothers and sisters love, life and happiness!


Wednesday 23 August 2023

तुलसी जयन्ती


राम चरित मानस एक अदभुद महाकाव्य है क्योंकि उसमें मानव जीवन से सम्बंधित सभी प्रश्नो के उत्तर हैं तथा कोई ऐसा भारतीय ग्रंथ नहीं है जिसका सार उसमें निहित नहीं है । ऐसे ग्रंथ के रचनाकार महाराज तुलसी दास जी की आज जयन्ती है। इस शुभ अवसर पर मैं अनुश्री की एक कविता के कुछ अंश के माध्यम से उनके जीवन के विषय में कुछ महत्वपूर्ण बातें यहाँ प्रस्तुत करता हूँ ।
पराधीन जनता भारत की त्रसित कई सदियों से थी,
धैर्य स्वयं ने धीरज खोया, धर्म की अन्तः नीव हिली ।
लगा देश की जीवन पद्धिति सदा-सदा मिट जाएगी,
भारत की पहिचान नहीं इस दुनिया में बच पाएंगी ।
धैर्य बँधाए ऐसे में था ऐसा कोई व्यक्ति नहीं,
बुझते दीपक पुनः जलाने की थी कोई युक्ति नहीं ।
सनातनो की देख दुर्दशा भगवत का जी द्रवित हुआ,
उनकी न्यायपालिका में उस पर विचार भी त्वरित हुआ ।
राजापुर बांदा में रहता दुबे एक दंपत्ति सुखी,
पंद्रह सौ चौवन संबत था श्रावण शुक्ल सत्तमी थी ।
बारह माह गर्भ का बच्चा माता हुलसी ने जन्मा,
अभुक्त मूल में पैदा शिशु ने राम कहा भूला रोना ।
विधुर बाप ने त्यागा उसको अति अनिष्ट की शंका से,
हुआ वही संयोग बना जो ईश्वर की अनुकंपा से ।
गृहकार्य नहीं उसको तो कोई और कार्य ही करना था,
पिता आत्मा राम दुबे के घर से बाहर होना था ।
आगे चलकर दैव योग से स्वामी नरहरि गुरु मिला,
ज्ञान रश्मियाँ उनकी पाकर बालक पंकज पूर्ण खिला ।
जैसा नाम राम बोला था राम राम ही बोल उठा,
राम कथा उसकी सुन करके जन मानस भी डोल उठा ।
पान किया फिर उसी शिष्य ने रामायण की रस धारा,
नाम दिया गुरुदेव ने 'तुलसी' उस बालक को अति प्यारा ।
वह किशोर फिर आया काशी वेदाध्ययन करने हेतू,
पंद्रह वर्ष वहाँ पर रहकर बना ज्ञान का दृढ़ सेतू ।
पर समाज ने एक बार फिर उसको पथ से अलग किया,
दीनबन्धु पाठक की कन्या रत्नावलि से व्याह हुआ ।
आसक्त हुए अपनी पत्नी से गोस्वामी जी कुछ ऐसे,
नारी के मयके को जाकर उसके पीछे ही पहुँचे ।
ज्ञान दिया पत्नी ने कहकर तीब्र व्यंग्य वाणी उनको,
प्रेम धार इमि मोड़ दिया अनुराग जगा उनमें प्रभु सों ।
जिस कार्य हेतु वे आए थे उसको तो पूरा करना था,
भटके हुए राह पर उनको ठोकर आख़िर लगना था ।
चित्रकूट, काशी, प्रयाग पश्चात अवध को वे आए,
राम भक्ति का भाव उमड़ता उर में कैसे थम पाए ।
संबत सोलह सौ एक्तिस था, मधूमास के मधु दिन थे,
पर्व राम की नौमी आई उल्लासित नारी-नर थे ।
‘रामचरित मानस’ की रचना ......................................
#अनुश्रीकविताएं मनोहर कविताएं ,पढ़िए!


Tuesday 22 August 2023

तुलसी जयंती एवं सम्मान समारोह



अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, बहराइच आज दोपहर 2 बजे से सेनानी भवन, माल कचेहरी, बहराइच में तुलसी जयंती के शुभ अवसर पर काव्य गोष्ठी आयोजित करेगा तथा साहित्य क्षेत्र के उत्कृष्ट विभूतियों को 'अवध गौरव - 2023' से सम्मानित करेगा। सम्मानित होने वाले हमारे आदरणीय साहित्य साधकों में सर्वश्री 1. राधेश्याम पाण्डेय 2. राधकृष्ण शुक्ल 'पथिक' 3. अवधनरेश सिंह 'अवधेश' 4. राम करण मिश्र सैलानी 5. रामसँवारे द्धिवेदी 'चातक' 6. अयोध्या प्रसाद शर्मा नवीन 7. राम धीरज शर्मा जी हैं। इस समारोह में आप सभी कवि, लेखक, सहित्यकार, साहित्यप्रेमी भाई-बहन सादर आमंत्रित हैं।
 
Akhil Bharatiya Sahitya Parishad, Bahraich holds a poetry reading and an honouring ceremony today at 2.00 PM, Senani Bhawan, Collectorate Bahraich, commemorating the anniversary of the birth of our greatest poet Saint Tulasidas. The Parishad will honour seven outstanding Awadhee/Hindi poets of Awdha region with Awadh Gaurava – 2023, recognizing Sarvashri Radhey Shyam Pandey, Radhakrishna Shukla ‘Pathik’ Awadh Naresh Singh ‘Awadhesh’ Ram Karan Mishra ‘Sailani’ Ramsanware Dwivedi ‘Chatak’ Ayodhya Prasad Sharma ‘Naveen’ and Ram Dheeraj Sharma. Poets, writers and poetry lovers are cordially invited to the celebration.


Sunday 20 August 2023

अनुश्री-कविताएं : गुलाम और मालिक

 

प्यार पाकर भी अपनों से नफ़रत
लात खाकर भी मालिक से उल्फ़त।
गुलाम इसीलिए गुलाम होता है,
स्वाभिमानी मालिक महान होता है।
देखिये अनुश्री इसे कैसे सिद्ध करती है :




दरवाजे पर कातर आँखों से निहारता,
एक टूक रोटी को टुकुर-टुकुर ताकता,
धूल में उलट जाता, दुम हिलाता,
वफादारी की पूं पूं फिर पैर चाटता ।
अपने भाई को नोच डालता,
प्राण निछावर कर देता –
किसके खातिर ? – बस एक टूक रोटी !
रात जागता थोड़ा सोता मेरा प्यारा मोती ।


थर्राता सारा जंगल जब दहाड़ता ।
दिल की दीवालें हिलतीं हैं,                         
खुद भोजन सम्मुख गिर जातें हैं,
साहस, दुस्साहस की जड़ें उखाड़ता ।
पालता पोषता प्यार से परिवार को,
न सिर् झुकाता है, न मुफ्त माँगता है,
स्वाभिमान सीने में भरकर
बेफिक्र जीता है, सोता है, खाता पीता है ।
सब जानता है पर हाथ फैलाना नहीं,
जंगल का सम्राट जिसे कौन जानता नहीं ।




Tuesday 15 August 2023

77 वां स्वतंत्रता दिवस

 स्वामी परमानंद शिक्षा निकेतन, खम्हरिया शुक्ल – बहराइच


"स्वामी परमानंद शिक्षा निकेतन, खम्हरिया शुक्ल" में 77वां स्वतंत्रता दिवस बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया। बड़ी संख्या में बच्चों एवं उनके अभिभावकों ने इस महोत्सव में भाग लिया, प्रभात फेरी निकाली गई। स्कूल प्रबंध समिति के सर्वशी शीतल प्रसाद अग्रवाल, मस्त राम, कृष्ण मोहन अग्रवाल, रमेश चन्द्र तिवारी, विजय यादव, सनत कुमार शुक्ल सहित विद्यालय के अध्यापकों और छात्रों की उपस्थिति में अध्यक्ष श्री मोहन लाल गोयल ने झंडा रोहण किया। श्री हरिनाथ प्रसाद मिश्र (प्रधानाचार्य), श्री अनिल कुमार बाजपेयी (सहायक प्रधानाचार्य), तथा अध्यापक गण सर्वश्री राकेश कुमार श्रीवास्तव, पंकज कुमार शुक्ल, श्रीमती मीना श्रीवास्तव के नियंत्रण में दो बच्चों ने राष्ट्र गान कराया। ‘भारत माता की जय’, ‘बन्दे मातरम’ तथा ‘परम पूज्य गुरुदेव की जय’ उद्घोष से वातावरण में राष्ट्र-प्रेम की लहर फ़ैल गयी। इसके पश्चात् सभी ने परमपूज्य गुरुदेव की आरती की। छोटे-छोटे बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम, कविता पाठ, भाषण आदि प्रस्तुत किये। समिति की और से सभी बच्चों को स्कूल बैग एवं स्कूल ड्रेस दिए गए। अंत में मिठाइयां बांटी गयीं और बड़े प्रसन्न वातावरण में कार्यक्रम संपन्न हुए।

प्रस्तुति रमेश तिवारी

Sunday 13 August 2023

हर घर झंडा, हर घर तिरंगा 2023

 



माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आवाहन पर 15 अगस्त 2022 के 75 सप्ताहों पूर्व से सम्पूर्ण देश में देशवासी आजादी के 75वीं वर्षगाँठ को अमृत महोसव के रूप में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से मना रहे थे । इसी बीच 31 जुलाई 2022 को उन्होंने जनता से अपने-अपने घरों पर 13 अगस्त से 15 अगस्त तक तिरंगा फहराने की अपील की थी। आसमान से देश इंद्र धनुषी रंग में रंग गया था और लोगों में राष्ट्रीय भावना का अदभुद संचार हुआ था। उनके आवाहन पर इस वर्ष भी आज देश ने 'हर घर झंडा, हर घर तिरंगा' मनाया। इस महोत्सव के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के तत्वावधान में रमेश चन्द्र तिवारी के निवास पर राष्ट्रवादी कवि सम्मलेन का आयोजन हुआ जिसमें जनपद के प्रसिद्द कवि भाइयों ने ओजस्वी कवितायेँ पढ़ीं। सभाध्यक्ष श्री राधा कृष्ण पाठक ने भारत माता की आरती तथा माँ भारती की वंदना के साथ कार्यक्रम प्रारम्भ किया। “शुभ्र स्वच्छ आवरण, मोह का करो हरण, ब्रह्मा की सुता हो, ज्ञान गंगा में नहाती हो। हंस पे सवार कर स्फटिक हार, मातु तार झंकार वीणा वादिनी कहाती हो ।“अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के उपाध्यक्ष श्री गुलाब चन्द्र जायसवाल ने देश-प्रेम की कविता पढ़ी : “आन-वान शान तिरंगा इस पर सबके मान चाहिए, बलिदानी वीरों के गौरव पर अभिमान चाहिए।“ आयोजक, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के जिला महामंत्री, रमेश चन्द्र तिवारी ने अपनी लोकप्रिय पुस्तक अनुश्री की राष्ट्र खंड की एक कविता पढ़ी : "आजादी का अमृत महोत्सव, भारत के सपनों का उत्सव, उल्लासित जन चलो मनायें, चलो तिरंगा सब फहरायें। राष्ट्र रंग दें एक रंग में, जय हो जय हो एक संग में।" अवधी के प्रसिद्द कवि श्री देशराज सिंह ने राष्ट्र के प्रति निष्ठां के भाव जागृत करने वाली कविता पढ़ी : “राष्ट्र रक्षार्थ हमको जागना होगा, मखमली बिस्तर सुखों का त्यागना होगा ।“ सोमेश सावन ने पढ़ा : “मातु भारती के चरणों में हुए अर्पित, एक एक वीर हिन्दुस्तानी है ।“ डा. अशोक गुलशन ने कविता पढ़ते हुए कहा : “अब कहीं कोई झगड़ा न दंगा रहे, हर शहर गाँव हर घर तिरंगा रहे।“ सर्वश्री बैजनाथ सिंह, राम गोपाल चौधरी, रमेश कुमार मिश्र, सेनानी भवन बहराइच, धनञ्जय सिंह, जिलाध्यक्ष हिन्दू जागरण मंच, बजरंग कुमार मिश्र, धनञ्जय कुमार शर्मा जैसे श्रेष्ठ वक्ता ने राष्ट्र भावना को प्रेरित करने वाले वक्तब्य से राष्ट्र प्रेम की धारा प्रवाहित की।