‘अनुश्री’ एक दार्शनिक निबंध के साथ खुलती है जिसके माध्यम वह अपना परिचय देती है । फिर वह भक्ति भाव में लीन वन्दना, प्रार्थना कर रही होती है, भजन गा रही होती है । जैसे ही उसकी आराधना समाप्त होती है वह वसंत व् पावस की मस्ती का वर्णन करती हुई भारतीय उत्सव के उमंग में बेसुध सी दिखती है । अब यहाँ थोड़ा सा मुड़ती है और राजनीति की गलियों में प्रवेश करके उसके टेढ़े-मेंढे, तंग, अँधेरे पथ का पोल खोलते, मजाक उड़ाते राष्ट्र भक्ति के गीत गाने लगती है । वहीँ वह प्रधानमंत्री मोदी जी की लोकप्रियता व् देश के प्रति उनके समर्पण सहित भारत के कुछ महापुरुषों के त्याग व् बलिदान की गाथा भी गाती है । इसके पश्चात् वह वहां से उछल कर छोटे-छोटे बच्चों के साथ खेलने लगती है । खेलते-खेलते वह मानव समाज की फुलवारी को सींचने संवारने में व्यस्त हो जाती है । अब जब फुलवारी खिल उठती है तब वह उसमें नृत्य करते हुए किशोर ह्रदय को दीवाना करने वाले प्रेम गीत गाने लगती है । पुस्तक कोरोना की पीड़ा में आंसू गिराते-गिराते एक कदम पीछे लौटती है जहाँ वह नोटबंदी व् स्वच्छ भारत विषय पर एकांकी के स्टेज का पर्दा उठा देती है । अन्त में प्रधानमंत्री जी के अमृत पेयजल योजना पर एक मार्मिक कहानी सुनाकर आपका आभार व्यक्त करती है ।
लेखक, रमेश चन्द्र तिवारी (1964) उत्तर प्रदेश में जनपद बहराइच के एक गाँव उमरी दहलो के निवासी हैं । उन्होने अँग्रेज़ी भाषा मे कहानी, निबंध व कविताएं लिखी हैं जो बंगलौर, मुंबई, दिल्ली स्थित विभिन्न जानी-मानी पत्रिकाओं सहित पिट्सबर्ग अमेरिका स्थित सेतु पत्रिका में प्रकाशित होती रही हैं । उनकी पहली पुस्तक Snippets of Life Music (कहानी संग्रह) का प्रकाशन जनवरी 2019 में हुआ था तथा उन्होंने अपनी दूसरी पुस्तक The Rise of NaMo and New India को जनवरी 2021 में प्रकाशित करायी । 4 मार्च 2017 को क्राइटेरियन ने उन्हें एक प्रशस्ति पत्र भेंट करके उच्च स्तरीय कहानी लेखन के लिए पुरस्कृत किया था । वे आंग्ल भाषा में दक्षता प्रमाण पत्र से किसान महाविद्यालय बहराइच द्वारा 28 अगस्त 2017 को सम्मानित हुए । रमेश तिवारी की पहचान केवल उनकी अँग्रेज़ी कृतियों से ही नहीं है बल्कि उन्होने हिन्दी साहित्य में भी उल्लेखनीय कार्य किये हैं । वस्तुतः उन्होने अपनी साहित्यिक यात्रा सन 1988 में हिन्दी लेखन से प्रारम्भ किया था । मध्य प्रदेश स्थित उस समय के समाचार पत्रों व् पत्रिकाओं ने उनकी कई कविताओं व् निबंधों का मुद्रण किया था । रायपुर आकाशवाणी ने भी उनके गीतों का अपने युववाणी में प्रसारण किया । लोक साहित्य विषय पर उनकी वार्ता समय-समय पर आकाशवाणी लखनऊ से प्रसारित होती हैं । हाल के वर्षों में उनकी दोनों पुस्तकों ने लोकप्रियता अर्जित की है ।
'अनुश्री-कविताएं' हिन्दी में रचित मन को मुग्ध कर देने वाली पुस्तक है। यह इतनी सरल है कि इसे कोई भी पढ़ और समझ सकता हैं । इसमें प्रवेश करते ही आपको ऐसा प्रतीत होगा कि आप सुन्दर से कल्पना लोक में हैं जिसमें एक ओर दिव्य मंदिर हैं जहाँ प्रार्थना व् भजन हो रहे हैं घंटियां बज रही हैं, दूसरी ओर भारतीय संस्कृति की अदभुद झांकियां सजी हुई हैं, राजनीति के रहस्यमयी सुरंग हैं, देश के स्वर्णिम अतीत के चलचित्र, नन्हें बच्चों के घरौंदे, प्रेम की चित्ताकर्षक वादियां हैं, मनोरंजक एकांकी, दिल पिघला देने वाली कहानी सहित ह्रदय को झकझोर देने वाली महामारी का चित्रण भी शामिल हैं। साहित्य शिल्प की अमूल्य पुस्तक की कीमत मात्र 200 रुपए है ।
Relish 100 heart-warming, humorous, hilarious, dreamy, romantic, heroic and informative poems; also enjoy a few poems for young children, a funny one-act-play, a heart-breaking portrayal of Corona pandemic and a poignant short story - all in one book entitled Anushree. Priceless book of the arts at surprisingly moderate price of Rs 200.