छत्र चाँदनी चाँदी की
चमक रहे हीरे मोती ।
सोने की रमणीक कोठरी
देवदूत हैं उसके प्रहरी ।
परियां थिरक रही हैं
कलियाँ निरख रही हैं ।
जीवन भर का जेल हो गया
अनजाने मे खेल हो गया ।
आँखों ने अपराध किया
सबला ने बंदी बना लिया ।
I have a variety of exotic dishes of thoughts – all for you, good friends. Come on and enjoy interesting short stories, essays and poems (both in English and Hindi).
अखिल भारतीय साहित्य परिषद - बहराइच के तत्वावधान में शरद पूर्णिमा व् महर्षि वाल्मीकि जयंती राम जानकी मंदिर, हमजापुर में मनाई गई । उपस्थित भक्तों ने भगवान वाल्मीकि की पूजा आरती की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की । इसके अतिरिक्त मध्य रात्रि की मधुर चांदनी से अमृत प्राप्त खीर प्रसाद का वितरण किया गया । डा. उमाशंकर वीरेंद्र ने अपने भजनों से हर हृदय में भक्ति रस वर्षा की । इस अवसर पर परिषद के प्रांतीय मंत्री गुलाब चन्द्र जायसवाल व् जिला महामंत्री रमेश चन्द्र तिवारी द्वारा रामायण के रचयिता ऋषिश्रेष्ठ के जीवन पर आधारित एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । विक्रम जायसवाल की अध्यक्षता में गोष्ठी का प्रारंभ आयुष जायसवाल द्वारा वाणी वंदना व् भजन के साथ हुआ । तत्पश्चात कवियों ने अपनी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की । गुलाब जायसवाल ने राम भक्ति पर लिखे गए छंदों का पाठ किया।:"राम ने वनवासी वानर भालू को गले लगाया है, कोल भील केवट सबमें भाई सा प्रेम जगाया है ।" राकेश रस्तोगी विवेकी जी ने एक मधुर भजन गया : "तुम मेरे जीवन के धन हो और प्राणाधार हो, एक तू दाता दयालु सबके पालनहार हो ।" कवि आशुतोष श्रीवास्तव ने राधा कृष्ण चरित्र पर रचनाएँ प्रस्तुत कीं । उन्होंने कहा : "राधा श्याम श्याम ही राधा यह अनबूझ पहेली क्या, तू कहती है श्याम तिहारी श्याम कहे मेरी राधा ।" विमलेश विमल ने भावपूर्ण पंक्तियों को प्रस्तुत करते हुए पढ़ा : "प्यार जब भी चढ़ा बेला की बेल पर, सायं सीढ़ी की जैसी बनी जिंदगी ।" रमेश चन्द्र तिवारी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा "भगवान वाल्मीकि संसार के प्रथम कवि माने गये हैं अतएव वे काब्य के जनक हैं । वे ही उस राम कथा के प्रथम रचनाकार हैं जो हमारी आस्था की केंद्र बिंदु है वे सनातन धर्म के वह स्तम्भ हैं जिस पर हमारा धर्म सदियों सदियों से अनेकों विदेशी आक्रांता आक्रमण से सुरक्षित रहा है ।" डा. अशोक गुलशन ने गज़ल सुनाई : "देखना मुश्किल नहीं है आँख खुलनी चाहिये, बात है दिल में अगर तो बात कहनी चाहिये। रोग कोई हो गया तो रोग का उपचार हो, ज़िन्दगी में हर किसी की साँस चलनी चाहिये।।"
My book The Rise of NaMo and New India was launched on October 6, 2021 by the Honourable Deputy Chief Minister of Bihar, Shri Tarkishore Prasad at the closing ceremony of the twenty-day Service and Dedication Campaign to celebrate the 71rst anniversary of the birth of Prime Minister Shri Narendra Modi. The event was held in the Kailashpati Conference Hall of BJP’s head office in Patana, Bihar and attended by Shri Nagendra ji, regional organizing secretary of Bihar and Jharkhand, Shri Mrityunjay Jha, the state in charge of training BJP Bihar, Shri Sachindra Prasad Singh, the party’s co-ordinator for the training department Bihar, Shri Anand Pathak, the assistant co-ordinator for the training department Bihar. The meeting ended with a detailed discussion on the pro-people measures undertaken by the Modi government in the last seven years and the BJP’s power base our responsibility.