Sunday 19 June 2016

Dear Old Dad!

Today I translated an anonymous poem into English.

Happy Father's Day to all!

When I was in deep sleep
Someone was moving his hand
Slowly and gently over my forehead.

When I got up in the morning
Someone put his arms around me,
Gave me a kiss and left for work.

While, in the evening,
My Mom was upset and scolding me,
Someone was trying to please me.

Someone travelled all day
In the sun in order to
Provide me with an AC room.

Everyone in my family loved me
But someone loved me dearly
Without letting me know.

Someone loved to eat sweets
But what he loved most was
To feed them to me first.  

Someone would forget his
Own worries to see me happy,
To see me smiling.

Someone worked non-stop,
At considerable cost to his heath,
All to pay for my happiness.

All the hopes and dreams were mine
But someone else was trying
To actualize them.

When I was about to leave home,
I minded leaving my parents
But someone sat shedding tears at it.  

I doubt if I could fulfill
My duties towards my parents
But someone did his unconditionally.

He was my dear old Dad,
My dear, dear Dad!
-                                                                                   By Ramesh Tiwari

Sunday 5 June 2016

वर्तमान पत्रकारिता दशा एवं दिशा

दिनांक 5 जून रविवार को माननीय श्री बंशीधर बौध (समाज कल्याण राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश) की अध्यक्षता में नगर पालिका भवन बहराइच में "वर्तमान पत्रकारिता दशा एवं दिशा" विषय एक जनपदीय सम्मेलन आयोजित हुआ | श्री जगदीश केशरवानी जी के कुशल संचालन में गोष्ठी प्रारम्भ हुई |

उन्होने वर्तमान पत्रकारिता व्यवसाय की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए बीजेपी के भूतपूर्व जिला अध्यक्ष श्री चन्द्र भान सिंह संचित को अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया | श्री संचित जी ने राजतंत्र के चार स्तंभों में पत्रकारिता के महत्व व उसकी राह में कठिनाइयों की चर्चा की | बीएसपी के श्री अजीत सिंह जी ने कहा कि यदि पत्रकारिता अपनी भूमिका का निर्वहन न करे तो सारा तंत्र दिशा हीन हो सकता है | कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री चन्द्र शेखर सिंह जी ने अपने उद्वोधन में कहा कि जैसे एक नेता की भूमिका होती है कि वह देश को नेतृत्व प्रदान करे ठीक वही कार्य एक पत्रकार की होती है वह एक ऐसा स्तंभ है कि किसी पार्टी को सत्ता तक पहुचा सकता है और यदि चाहे तो उसे गिरा भी सकता है | सभा को श्री रमेश चन्द्र तिवारी ने भी संबोधित किया उन्होने कहा कि चरित्र सबसे बड़ा कवच होता है | यदि पत्रकार अपने कर्तव्य से न भटके तो संगठन इतना ठोस बन सकता है कि कोई भी उसे हाथ लगाने की हिम्मत नहीं करेगा | चूँकि पत्रकारिता बहुत लोगों का व्यवसाय है इसलिए उन्हें भी निष्पक्ष कार्य करने के लिए वेतन और बीमा की आवश्यकता है जिसे सरकार को मुहैया कराना चाहिए |

माननीय मुख्य अतिथि श्रीमान बंशीधर बौध जी एक ऐसे नेता हैं जो राज्य सरकार में मंत्री होने के वावजूद भी एक आम नागरिक की तरह जीवन यापन करते हैं | वे आज भी अपने खेत को खुद जोतते हैं अपनी भैंस खुद खिलाते व लगाते हैं | उनमें मंत्री होने का लेस मात्र भी अहम नहीं है | उन्होने पत्रकारों को भरोसा दिलाया कि वे विधान सभा में पत्रकारों को बीमा सुविधा का प्रश्न उठाएँगे क्योंकि पत्रकार जिनके दिशा निर्देशन में सरकारें चलती हैं को असुरक्षित नहीं छोड़ा जा सकता | उन्होने कहा कि वे पत्रकारों के प्रति संवेदनशील हैं और उन्हें सरकार से अधिक से अधिक सुविधा दिलाने का हर संभव प्रयास करेंगे | उन्होने कहा कि रमेश चन्द्र तिवारी हमारे जनपद के गौरव है क्योंकि उसके द्वारा रचित अँग्रेज़ी भाषा में कहानियों व कविताओं को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पत्रिकाओं ने प्रकाशित किया है और आज उनकी कृतियाँ दुनिया भर में पढ़ी जाती हैं | जनपद के ऐसे बुद्धिजीवी को पुरस्कृत होने की आवश्यकता है अतः हम श्रीमान मुख्य मंत्री जी से अनुरोध करेंगे कि वे अपने हाथों से श्री तिवारी को सम्मान पुरस्कार प्रदान करने की कृपा करें | सभा के अन्त में निष्पक्ष पत्रकारिता के दौरान शहीद हुए सम्मानित पत्रकारों की याद में मौन रहकर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी |